पेगासस जासूसी पर संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव बोले- फोन टैपिंग की रिपोर्ट गलत, भारत में अवैध सर्विलांस संभव नहीं
फोन टैपिंग से जासूस के मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार का पक्ष रखा.
मॉनसून सत्र का पहला दिन जोरदार हंगामे वाला रहा. लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मंत्रियों का परिचय नहीं करा पाए. विपक्ष के इस रवैये पर पीएम जमकर बरसे. वहीं फोन टैपिंग से जासूस के मामले में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि डेटा का जासूसी से कोई सबंध नहीं है. जारी रिपोर्ट में गुमराह करने वाले तथ्य है.
डेटा का जासूसी से कोई संबंध: अश्विनी वैष्णव
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फोन टैपिंग से जासूसी के आरोप को गलत बताया है. संचार मंत्री ने कहा कि डेटा का जासूसी से कोई संबंध नहीं है. जो रिपोर्ट पेश की गई है उसके तथ्य गुमराह करने वाले हैं और उसमें कोई दम भी नहीं है. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया द्वारा दावा किया गया है कि Pegasus सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से भारत (India) में कई पत्रकारों, नेताओं और अन्य लोगों के फोन हैक किए गए थे. इस खुलासे के बाद सियासी पारा गरम है. विपक्षी पार्टियों द्वारा लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में इस विषय पर चर्चा की मांग की गई है.
क्या है मामला?
द गार्जियन अखबार ने दावा किया है कि भारत सरकार ने कई पत्रकारों, नेताओं की जासूसी करवाई है. दावा है कि भारत के 40 से ज्यादा पत्रकारों के फोन हैक किए गए. कई मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच की गई, जिसके हवाले से ये दावे किए गए हैं. द वॉशिंगटन पोस्ट, द गार्जियन समेत दुनिया के 17 न्यूज़ वेबसाइट ने 'द पेगासस प्रोजेक्ट' नाम से रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें भारत ही नहीं दुनिया के हज़ारों लोगों के फोन हैक करने का मामला सामने आया है.