भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में बोले PM मोदी:भारत और आसियान के सम्बंध इतिहास में दर्ज हैं

इनकी झलक हमारे साझा मूल्य, परम्पराएँ, भाषाएँ, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान, हर जगह पे दिखते हैं

Update: 2021-10-28 07:30 GMT

पीआईबी, नई दिल्ली: 18वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतिभाग किया। नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा,  कोरोना महामारी के कारण हम सभी को अनेक चुनौतियों से जूझना पड़ा। लेकिन यह चुनौतीपूर्ण समय भारत-आसियान मित्रता की कसौटी भी रहा। कोविड-19 के काल में हमारा आपसी सहयोग, आपसी संवेदना, भविष्य में हमारे संबंधों को बल देते रहेंगे, हमारे लोगों के बीच सद्भावना का आधार रहेंगे।

पीएम ने आगे कहा, इतिहास गवाह है कि भारत और आसियान के बीच हजारों साल से जीवंत संबंध रहे हैं। इनकी झलक हमारे साझा मूल्य, परम्पराएँ, भाषाएँ, ग्रन्थ, वास्तुकला, संस्कृति, खान-पान, हर जगह पे दिखते हैं। और इसलिए, आसियान की एकता और केन्द्रीय नेतृत्व भारत के लिए सदैव एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता रही है। आसियान की यह विशेष भूमिका, भारत की 'ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी' जो हमारी सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फोर आल इन दी रिलीजन यानी ''सागर'' नीति – में निहित है। भारत के 'इंडो पेशिफिक आसियान इनिशिएटिव और आसियान के आउटलुक फोर दी इंडो-पसिफ़िक' क्षेत्र में हमारे साझा विज़न और आपसी सहयोग का ढांचा हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, वर्ष 2022 में हमारी पार्टनरशिप के 30 वर्ष पूरे होंगे। भारत भी अपनी आज़ादी के पचहत्तर वर्ष पूरे करेगा। मुझे बहुत हर्ष है कि इस महत्वपूर्ण पड़ाव को हम 'आसियान-भारत मित्रता वर्ष' के रूप में मनाएंगे। भारत आगामी अध्यक्ष कंबोडिया और हमारे कंट्री को-ऑर्डिनेटर सिंगापुर के साथ मिलकर आपसी संबंधों को और गहन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।"

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