बिहार में जातीय जनगणना के आंकड़े सामने आने के बाद पीएम मोदी का पहला बयान आया सामने, कही ये बड़ी बात!

बिहार में जातिगत सर्वे की रिपोर्ट जारी होने के साथ ही इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है.

Update: 2023-10-02 15:05 GMT

बिहार में जातिगत सर्वे (Bihar Caste Survey Report) की रिपोर्ट जारी होने के साथ ही इसे लेकर सियासत भी तेज हो गई है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इसे राज्य के विकास के लिए जरूरी कदम करार दिया है. जबकि सरकार में सहयोगी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इसे एक मिल का पत्थर बताया है. बिहार सरकार के विवादास्पद राज्य-व्यापी जाति-आधारित सर्वे के नतीजे घोषित करने के कुछ घंटों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर "देश को जाति के नाम पर विभाजित करने की कोशिश" करने का आरोप लगाया. 

प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के जातिगत सर्वे या किसी विशिष्ट पार्टी का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन उन्होंने सत्ता में रहते हुए विकास सुनिश्चित करने में नाकाम रहने के लिए विपक्ष पर हमला बोला. पीएम ने कहा कि विपक्ष गरीबों की भावनाओं के साथ खेलने हैं.

पीएम मोदी ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में परियोजनाओं की शुरुआत के बाद एक जनसभा के दौरान ये बातें कही. मोदी ने कहा, "उन्होंने तब भी गरीबों की भावनाओं के साथ खेला... और आज भी वे वही खेल खेल रहे हैं. पहले उन्होंने देश को जाति के नाम पर बांटा... और आज वे वही पाप कर रहे हैं. पहले वे भ्रष्टाचार के दोषी थे... और आज वे और भी ज्यादा भ्रष्ट हो गए हैं.''

प्रधानमंत्री की टिप्पणियों को कई लोगों ने बिहार की सत्तारूढ़ जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू और मध्य प्रदेश में इसकी मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर हमले के रूप में देखा. बता दें कि इस साल के अंत में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. कांग्रेस ने कहा है कि अगर वह सत्ता में लौटती है, तो मध्य प्रदेश में भी जाति आधारित सर्वेक्षण कराया जाएगा.

बात करें बिहार सरकार की जातिगत सर्वे की रिपोर्ट का, तो इससे बीजेपी पर राष्ट्रीय स्तर पर जाति आधारित जनगणना कराने का दबाव बढ़ जाएगा. बिहार के जातिगत सर्वे में कहा गया है कि राज्य की लगभग 63 प्रतिशत आबादी पिछड़े वर्ग से है. 20 प्रतिशत से अधिक की आबादी अनुसूचित जाति या जनजाति से हैं. सामान्य वर्ग 15.52% है. बिहार की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है. इसमें 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं.

इससे यह भी पता चलता है कि विपक्ष 2024 के चुनाव से पहले इसे एक चुनावी मुद्दा बना सकता है. जैसा कि पिछले महीने की शुरुआत में मुंबई में विपक्षी गठबंधन INDIA की बैठक में रेखांकित किया गया था. हालांकि, उस मांग का महत्व बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थन नहीं करने से कम हो गया था.

हालांकि, राज्य और राष्ट्रीय बीजेपी नेता जातिगत सर्वे या जाति आधारित जनगणना विषय पर हमेशा एकमत नहीं रहे हैं. इस मौके पर भी बीजेपी की राज्य यूनिट के प्रमुख सम्राट चौधरी ने NDTV से कहा कि पार्टी पहले 'कार्यप्रणाली यानी मेथेडोलॉजी की स्टडी करेगी. 

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