उन्हें आईना मत दिखाओ, वे आईना भी तोड़ देंगे : पीएम मोदी ने शेर के जरिये कांग्रेस पर किया 'वार'
पीएम मोदी ने कहा कि 'इतनी हारों के बाद भी आपका अहंकार बना हुआ है और आप इससे पीछा नहीं छुड़ा पा रहे.
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के बजट सत्र के दौरार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने जवाब के दौरान कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर अपनी अहंकार को नहीं छोड़ने का आरोप लगाया. पीएम मोदी ने कहा कि 'इतनी हारों के बाद भी आपका अहंकार बना हुआ है और आप इससे पीछा नहीं छुड़ा पा रहे. ' पीएम के इस संबोधन के दौरान लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बाधा डालने और कुछ कहने का का प्रयास किया तो पीएम ने एक शेर के जरिये कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा...
वह जब दिन को रात कहें तो तुरंत मान लो
अगर नहीं माने तो वे दिन में नकाब ओढ़ लेगे
जरूरत हुई तो हकीकत को थोड़ा बहुत मरोड़ लेंगे
वे मगरूर है खुद की समझ पर बेइंतहा
उन्हें आईना मत दिखाओ, वे आईना भी तोड़ देंगे..
पीएम ने कोरोना काल के दौरान कांग्रेस के रवैये पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'कोरोना वायरस वैश्विक महामारी है लेकिन कुछ ने राजनीतिक लाभ के लिए इसका भी इस्तेमाल किया. कोरोना काल में तो कांग्रेस ने हद कर दी.आलोचना किसी भी लोकतंत्र की खास पहचान है लेकिन 'अंधा विपक्ष' (blind opposition)लोकतंत्र के अपमान की तरह है.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग अब आपको (कांग्रेस को) 'पहचानने' लगे हैं. कुछ पहले से ही पहचान चुके हैं और कुछ भविष्य में पहचान जाएंगे. 50 साल तक आपको यहां बैठने (सत्ता पक्ष में) बैठने का मौका मिला है. तो इस दिशा में क्यों नहीं सोचते? जिस तरह वे (कांग्रेस) बोलते हैं ऐसा लगता है कि 100 साल तक सत्ता में नहीं आना है, जब आपने ही यह तय कर लिया तो मैंने भी तैयारी कर ली है. पीएम ने कहा कि नगालैंड के लोगों ने आखिरी बार 1988 में कांग्रेस के लिए वोट किया. ओडिशा ने 1995, गोवा ने 1994 में आपको वोट किया था. आपने एकल रूप से बहुत हासिल किया लेकिन उसके बाद से गोवा ने आपको स्वीकार नहीं किया. पीएम ने कहा कि मुद्दा केवल चुनाव नतीजों का नहीं है. यह इनके इरादों का है. सवाल यह उठता है कि इतने वर्ष तक सत्ता में रहने के बाद देश के लोग अब इन्हें लगातार खारिज क्यों कर रहे हैं. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पीएम ने कहा 'जो इतिहास से सबक नहीं लेते, वे इतिहास में खो जाते हैं. 1960-80 के दशक तक नेहरू और इंदिरा जी को टाटा-बिड़ला की सरकार कहा जाता था.'