प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सरदार धाम भवन का लोकार्पण किया ..

Update: 2021-09-11 10:38 GMT

पीआईबी, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सरदार धाम भवन का लोकार्पण और सरदार धाम चरण-II कन्या छात्रालय का भूमि पूजन किया। गुजरात के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि गणेशोत्सव के अवसर पर सरदार धाम भवन का शुभारंभ हो रहा है। उन्होंने सभी देशवासियों को गणेश चतुर्थी, गणेशोत्सव और ऋषि पंचमी एवं क्षमवाणी दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने मानवता की सेवा के प्रति उत्‍कृष्‍ट समर्पण भाव के लिए सरदार धाम ट्रस्ट से जुड़े सभी सदस्यों की सराहना की। उन्होंने पाटीदार समाज के युवाओं के साथ-साथ गरीबों और विशेषकर महिलाओं के सशक्तिकरण पर उनके द्वारा विशेष जोर देने की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस छात्रावास सुविधा का आज उद्घाटन किया जा रहा है, उससे बड़ी संख्या में लड़कियों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक भवन, बालिका छात्रावास और आधुनिक पुस्तकालय युवाओं को सशक्त बनाने में सहायक साबित होंगे। उद्यमिता विकास केन्द्र गुजरात की मजबूत व्यावसायिक पहचान को समृद्ध करेगा और सिविल सेवा केन्द्र सिविल, रक्षा और न्यायिक सेवाओं में अपना करियर बनाने के इच्छुक युवाओं को नई दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि सरदार धाम न केवल देश के भविष्य के निर्माण का प्रतिष्ठान बनेगा, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों को सरदार साहब के आदर्शों को जीने के लिए प्रेरित भी करेगा।

उन्होंने कहा कि आज, 11 सितंबर, दुनिया के इतिहास में एक ऐसी तारीख है, जिसे मानवता पर हमले के लिए जाना जाता है। लेकिन इस तारीख ने पूरी दुनिया को बहुत कुछ सिखाया भी! एक सदी पहले 11 सितंबर, 1893 को शिकागो में विश्व धर्म संसद का आयोजन हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि इस दिन स्वामी विवेकानंद उस वैश्विक मंच पर खड़े हुए और पूरी दुनिया को भारत के मानवीय मूल्यों से परिचित कराया। आज दुनिया इस बात को महसूस कर रही है कि 9/11 जैसी त्रासदियों का स्थायी समाधान इन मानवीय मूल्यों के जरिए ही संभव होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 11 सितंबर को एक और बड़ा अवसर- भारत के महान विद्वान, दार्शनिक और स्वतंत्रता सेनानी 'सुब्रमण्य भारती' की 100वीं पुण्यतिथि- है। सरदार साहब द्वारा परिकल्पित 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का दर्शन महाकवि भारती के तमिल लेखन में पूर्ण दिव्यता के साथ अपनी चमक बिखेरता रहा है। उन्होंने कहा कि सुब्रमण्य भारती ने स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा ली और वे श्री अरबिंदो से प्रभावित थे। भारती ने काशी में रहते हुए अपने विचारों को नई दिशा और नई ऊर्जा प्रदान की। प्रधानमंत्री ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में 'सुब्रमण्य भारती जी' के नाम पर एक पीठ की स्थापना करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कला संकाय में तमिल अध्ययन से संबंधित 'सुब्रमण्य भारती पीठ' की स्थापना की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सुब्रमण्य भारती जी ने हमेशा संपूर्ण मानव जाति और भारत की एकता पर विशेष बल दिया। उनके आदर्श भारत के विचार और दर्शन का अभिन्न अंग हैं। 

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