लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के आरोपों के बाद पंजाबी एक्‍टर दीप सिद्धू ने कही ये बात

पंजाबी एक्‍टर दीप सिद्धू पर आरोप है कि उन्‍होंने किसानों को लाल किले (Red Fort) की तरफ मार्च करने के लिए उकसाया.

Update: 2021-01-27 06:15 GMT

 दिल्‍ली: कल 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्‍टर परेड (Tractor Parade) के दौरान लाल किले (Red Fort) पर एक धार्मिक झंडा फहराया गया जिसके बाद किसानों आंदोलन को लेकर हर तरफ से सवाल उठने लगे हैं. इसी मामले को लेकर पंजाबी फिल्‍मों के एक्‍टर दीप सिद्धू (Deep Sidhu) का भी भारी विरोध हो रहा है. उन पर आरोप लगे कि जब लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराया गया, तब वो वहां मौजूद थे और उन्‍होंने लोगों का साथ दिया.

धार्मिक झंडा फहराने पर दीप सिद्धू ने ऐसे किया बचाव

हर तरफ से घिरे दीप सिद्धू (Deep Sidhu) ने भी अब ये स्‍वीकार किया है कि जब लाल किले (Red Fort) पर 'निशान साहिब' (Nishan Sahib) का झंडा फहराया गया, तब वो वहां मौजूद थे.

रिपोर्ट के मुताबिक, अपने ऊपर लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए दीप सिद्धू ने इस बात को स्‍वीकार किया कि झंडा फहराते वक्‍त वह वहां पर थे. हालांकि उन्‍होंने ये कहकर अपना बचाव भी किया कि उन्‍होंने या उनके समर्थकों ने तिरंगे झंडे (National Flag) को वहां से हटाया नहीं था. सिद्धू ने कहा कि 'निशान साहिब' का झंडा फहराना विरोध का एक सांकेतिक तरीका था.

बता दें कि 'निशान साहिब' सिख धर्म का प्रतीक है और इस झंडे को सभी गुरुद्वारा परिसरों में लगाया जाता है.

फेसबुक पोस्‍ट में किया ये दावा

दीप सिद्धू पर आरोप है कि उन्‍होंने किसानों को लाल किले की तरफ मार्च करने के लिए उकसाया. हालांकि गणतंत्र दिवस (Republic) के मौके पर ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराये जाने की घटना पर दीप सिद्धू ने मंगलवार को प्रदर्शनकारियों के कृत्य का यह कहकर बचाव किया कि उन लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज नहीं हटाया और केवल एक प्रतीकात्मक विरोध के तौर पर 'निशान साहिब' को लगाया था.

सिद्धू ने फेसबुक पर पोस्ट किये गए एक वीडियो में दावा किया कि वह कोई योजनाबद्ध कदम नहीं था और इसेे कोई साम्प्रदायिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए जैसा कट्टरपंथियों द्वारा किया जा रहा है. 

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