भारत आ रहे राफेल में 30 हज़ार फीट की ऊंचाई पर भरा गया ईंधन, देखें खास तस्वीरें

राफेल फाइटर जेट की पहली खेप कल यानी 29 जुलाई को अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर दोपहर तक पहुंचने की उम्मीद है.

Update: 2020-07-28 15:11 GMT

नई दिल्ली. बहुप्रतीक्षित राफेल विमान बुधवार को भारत पहुंच जाएंगे. भारत के लिए सोमवार को फ्रांस से निकले राफेल विमान की हवा में ही ईंधन भरते तस्वीरें आई हैं. भारतीय वायुसेना ने राफेल को भारत लाने में फ्रांसीसी वायुसेना द्वारा दिए गए सपोर्ट के लिए धन्यवाद भी व्यक्त किया है. राफेल फाइटर जेट की पहली खेप कल यानी 29 जुलाई को अंबाला एयर फोर्स स्टेशन पर दोपहर तक पहुंचने की उम्मीद है.

@Indian_Embassy ने लिखा, ''30,000 फीट से कुछ शॉट्स! भारत की तरफ आते इन राफेल जेट्स में बीच हवा में ईंधन भरा जा रहा है.'' बता दें कि राफेल लड़ाकू विमानों के साथ दो फ्रांसीसी फ्यूल टैंकर आ रहे हैं. इसी के माध्यम से आसमान में ही रिफ्यूलिंग की गई.

20 अगस्त तक हो सकता है औपचारिक कार्यक्रम

भारतीय वायु सेना के बेड़े की खास ताकत के तौर पर शामिल होने जा रहे राफेल के आगमन के बाद 20 अगस्त के आसपास औपचारिक इंडक्शन कार्यक्रम होगा. इससे पहले ये भी कहा जा चुका है ​कि हालात के मद्देनज़र इन लड़ाकों का पहला इस्तेमाल लद्दाख में हो सकता है क्योंकि वायुसेना वहां पहले ही ज़मीनी सेना की मदद के लिए कॉम्बैट एयर पेट्रोलिंग कर रही है.



युद्धक क्षमता का मुकाबला नहीं

राफेल को एशियाई महाद्वीप में गेम चेंजर लड़ाकू विमान माना जा रहा है. दावा ये है कि चीन और पाकिस्तान के पास मौजूदा दौर में जो भी बेहतरीन फाइटर जेट हैं, ये उससे बेहतर होगा.इसकी ताकत और क्षमता का अन्य विमानों से कोई मुकाबला ही नहीं है. फ्रेंच विमान निर्माता कंपनी दसॉ एविएशन ने पिछले साल अक्टूबर तक भारत को 09 राफेल विमान सुपुर्द कर दिये थे. पहले तीन विमान इससे भी पहले मार्च में दे दिए गए थे.

 एयरफोर्स क्रू की ट्रेनिंग

भारत ने उन विमानों को भारत में लाने की बजाए इन विमानों की समुचित ट्रेनिंग के लिए अपने पायलट और क्रू मेंबर्स को अलग-अलग टुकड़ों में फ्रांस भेजा था. इसमें भारतीय वायुसेना के पायलट समेत इंजीनियर और तकनीशियन भी शामिल हैं. इन सभी की अलग अलग बैच में ट्रेनिंग हुई.

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