राहुल गांधी लोकसभा में नेता विपक्ष होंगे, कांग्रेस ने किया बड़ा ऐलान

20 साल के राजनीतिक सफर में राहुल गांधी पहली बार किसी संवैधानिक पद पर बैठेंगे।

Update: 2024-06-25 18:24 GMT

नई दिल्ली : राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार, 25 जून को इसकी घोषणा की। वेणुगोपाल ने कहा, "सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब को पत्र लिखकर राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त करने के निर्णय की जानकारी दी है; अन्य पदाधिकारियों के बारे में बाद में निर्णय लिया जाएगा।" यह निर्णय मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर इंडिया गठबंधन नेताओं की बैठक के बाद लिया गया।

राहुल गांधी पांच बार सांसद रह चुके हैं और वर्तमान में लोकसभा में रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने मंगलवार को संविधान की एक प्रति लेकर सांसद के रूप में शपथ ली।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दो लोकसभा सीटें जीती थीं - केरल में वायनाड और उत्तर प्रदेश में रायबरेली। प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उन्होंने वायनाड लोकसभा सीट खाली कर दी। कांग्रेस ने वायनाड सीट के लिए प्रियंका गांधी वाड्रा को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। यह प्रियंका गांधी का चुनावी पदार्पण भी है।

20 साल के राजनीतिक सफर में राहुल गांधी पहली बार किसी संवैधानिक पद पर बैठेंगे। यूथ कांग्रेस, एनएसयूआई के प्रभारी, पार्टी के उपाध्यक्ष से लेकर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी रह चुके है लेकिन ये सभी पद पार्टी में रहे हैं। ये पहली बार है कि वे किसी संवैधानिक पद पर आसीन होने जा रहे हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of the Opposition) का दर्जा एक महत्वपूर्ण संवैधानिक पद है। यह पद लोकतांत्रिक व्यवस्था में संतुलन बनाए रखने और सत्तारूढ़ पार्टी की नीतियों की आलोचना एवं जांच-पड़ताल करने के लिए स्थापित किया गया है। नेता प्रतिपक्ष को केंद्रीय मंत्री का दर्जा और वेतन मिलता है। इसके अतिरिक्त, उन्हें संसद की विभिन्न समितियों में विशेष अधिकार और भूमिका दी जाती है।

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