राहुल गांधी का मोदी सरकार पर वार- बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट रोकने की बजाय DA पर कैंची चलाना अमानवीय कदम
कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ा है. इसी मसले पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार को घेरते आए हैं. अब शुक्रवार को राहुल गांधी ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी पर लगी रोक का मसला उठाया और केंद्र सरकार को घेरा. राहुल गांधी ने इस फैसले को अमानवीय और असंवेदनशील बताया.
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता (DA) काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है'.
लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यीकरण परियोजना को निलंबित करने की बजाय कोरोना से जूझ कर जनता की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशन भोगियों और देश के जवानों का महंगाई भत्ता(DA)काटना सरकार का असंवेदनशील तथा अमानवीय निर्णय है।https://t.co/LTGPf53VsA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 24, 2020
दरअसल, केंद्र सरकार ने जिस कटौती का ऐलान किया है उससे करीब सरकारी खजाने में सवा लाख करोड़ रुपये की बचत होगी. कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए संकट के बीच सरकार इसे बड़ा कदम बता रही है.
बीते मार्च महीने में मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को एक तोहफा दिया था. सरकार ने अपने केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी के लिए महंगाई भत्ते में चार फीसदी का इजाफा कर दिया. लेकिन अब कोरोना संकट की वजह से इसी इजाफे को रोकने का फैसला लिया गया है.
बता दें कि राहुल गांधी से पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. सुरजेवाला की ओर से कुछ डाटा पेश किया गया और केंद्र सरकार पर कर्मचारियों के जले पर नमक छिड़कने का आरोप लगाया गया.
कांग्रेस पार्टी इससे पहले भी इस मसले को लेकर सरकार को घेरती आई है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख फिजूलखर्ची को रोकने का सुझाव दिया, साथ ही प्रधानमंत्री समेत अन्य मंत्रियों की विदेश यात्रा रोकने को कहा.