रोहित सरदाना की पत्नी प्रमिला दीक्षित ने कुछ यूँ लिखी फेसबुक पर गमगीन बात.

आज उनके अंतिम संस्कार के बाद उनकी पत्नी प्रमिला दीक्षित ने अपना दुःख कुछ इस तरह बयाँ किया.

Update: 2021-05-01 06:48 GMT

देश के जाने माने और राष्ट्रवादी पत्रकार के रूप में अपनी पहचान कायम करने वाले रोहित सरदाना का शुक्रवार को नोएडा के मेट्रो अस्पताल में हार्ट अटैक से निधन हो गया. रोहित सरदाना पिछले कई दिनों से कोविड से पीड़ित थे. आज उनके अंतिम संस्कार के बाद उनकी पत्नी प्रमिला दीक्षित ने अपना दुःख कुछ इस तरह बयाँ किया. 

प्रमिला दीक्षित ने अपनी फेसबुक पर लिखा, जीवन अप्रत्याशित है.. आप सबकी ओर से मिली सांत्वना और संबल भी अप्रत्याशित है.. कष्ट जीवन भर का है लेकिन कोशिश रहेगी रोहित सरदाना की तरह मजबूत रहूं. प्रेम की सार्थकता प्रेम बने रहने में ही है, नश्वर शरीर के जाने के बाद भी .. आप सभी का आभार 🙏

आपको बता दें कि एक साल पहले भी उन्होंने एक पोस्ट लिखी थी जब कहा था कि मुझे अब बहुत डर लगता है. जाना हम सभी को है, आज नहीं तो कल, अभी नहीं तो कभी तो जाना ही होगा! मृत्यु ऐसी हो जिसमें मित्र रोएँ और दुश्मन जश्न मनाएं, कि वह गया! अजात शत्रु नामक कोई शब्द नहीं होता! सर्वप्रिय कोई नहीं होता! जब आपने एक विचार को थामा तो आप उस विचार के सिपाही हो जाते हैं. इसलिए जो जा रहा उसका प्रारब्ध यही था और हम जैसे भी जो जाएंगे, वह कुछ काम कर जाएं, जितना हमारे हिस्से प्रारब्ध ने लिखा है, वही ठीक, वही पर्याप्त!

मृत्यु पर शत्रु जश्न मनाएं, उससे खूबसूरत तो कुछ हो ही नहीं सकता, इसका अर्थ है सार्थक जीवन जिया है! मैंने जश्न की बात की है, राहत की नहीं!

विचारों के जो योद्धा जाते हैं, उनके लिए आँसू नहीं बहाए जाते! रोहित की मृत्यु पर हंसने वाले मानसिक विकलांग हैं, और मानसिक विकलांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता, उन पर तरस खाकर आगे बढ़ जाना होता है क्योंकि हमारे लिए वह दो कौड़ी के भी नहीं हैं.

रोहित, आप की आगे की यात्रा सुगम हो, प्रभु आपको अपने चरणों में स्थान दें! बस इतना ही कहना है, आपको अभी और रहना था यहीं पर, पर इस जन्म की यात्रा इतनी ही रही होगी! आपके परिवार को यह आघात सहने की प्रभु शक्ति दें!

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