Sandeshkhali Controversy : कौन है शाहजहां शेख, जिसे संदेशखाली का माना जा रहा असली कसूरवार

Sandeshkhali Controversy : पश्चिम बंगाल का संदेशखाली इस वक्त सुर्खियों में बना हुआ है। महिलाओं की जमीन पर कब्जा करने से लेकर महिलाओं के साथ अत्याचार तक, यहां बड़े पैमाने पर लोगों के साथ अत्याचार किया गया।

Update: 2024-02-20 11:11 GMT

Sandeshkhali Controversy: पश्चिम बंगाल का संदेशखाली इस वक्त सुर्खियों में बना हुआ है। महिलाओं की जमीन पर कब्जा करने से लेकर महिलाओं के साथ अत्याचार तक, यहां बड़े पैमाने पर लोगों के साथ अत्याचार किया गया। ये वही इलाका है जहां ईडी की टीम पर जानलेवा हमला हुआ था। अब तक इस मामले में 18 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। लेकिन जो इन सब का सरगना माना जा रहा है वो अब भी फरार है। हम बात कर रहे हैं शाहजहां शेख की।

शाहजहां शेख संदेशखाली में मछली का व्यवसाय करता है। वे चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा है। शाहजहां पहले ईंट भट्टे पर मजदूरी का काम करता था। फिर धीरे-धीरे उसने यूनियन में अपनी पैठ बना ली। फिर साल 2004 में ईंट भट्ठा यूनियन के नेता के रूप में उसने राजनीति में कदम रखा। जिसके बाद सीपीआई (एम) इकाई में शामिल हुआ। फिर शाहजहां शेख के उग्र भाषणों और संगठनात्मक कौशल के वजह से टीएमसी नेतृत्व का उसकी ओर ध्यान गया।

2012 में टीएमसी में शामिल हुआ

उस समय तक वो संदेशखाली का 'भाई' बन चुका था। फिर 2012 में टीएमसी के तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रिय मल्लिक की मौजूदगी में शेख टीएमसी में शामिल हो गया। फिर जब टीएमसी सत्ता में आई तो वो पहले से भी ज्यादा शक्तिशाली हो गया। साल 2018में उसे सरबेरिया अग्रघाटी ग्राम पंचायत के उप प्रमुख के रूप में पहचान मिली। फिलहाल वो संदेशखाली टीएमसी इकाई का अध्यक्ष है। शाहजहां शेख पारिवारिक और भूमि विवाद सुलझाने के लिए खासा लोक​प्रिय है।

स्थानीय लोग मानते हैं मसीहा

स्थानीय लोग उसको मसीहा और बाहुबली तक मानते हैं। बता दें, संदेशखाली वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में आता है। ये बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ इलाका है। यहां अल्पसंख्यक और आदिवासी समाज के लोग सबसे अधिक रहते हैं।

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