मजदूरों के किराए पर राजनीति तेज, कांग्रेस के बाद अब मायावती ने भी दिया मदद का ऑफर
रेलवे ने सोमवार को ही साफ कर दिया था कि रेलवे की ओर से 85 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है ?
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से गांव जा रहे मजदूरों के किराए को लेकर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस के बाद अब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने भी किराए का ऑफर दिया है, जबकि रेलवे ने सोमवार को ही साफ कर दिया था कि रेलवे की ओर से 85 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है और 15 फीसदी किराए का भुगतान राज्य सरकारों को करना है।
बसपा अध्यक्ष मायावती ने लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे श्रमिकों से उन्हें वापस लाने के लिए किराया वसूले जाने की निंदा करते हुए कहा कि अगर सरकारें मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती हैं तो बसपा इन मजदूरों को भेजने में योगदान करेगी।
मायावती ने मंगलवार को किए गए ट्वीट में कहा, "यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र और राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों और बसों आदि से भेजने के लिए उनसे किराया भी वसूल रही हैं। सभी सरकारें यह स्पष्ट करें कि वे उन्हें भेजने के लिए किराया नहीं दे पाएगी। यह बसपा की मांग है।''
2. ऐसी स्थिति में बी.एस.पी. का यह भी कहना है यदि सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती है तो फिर बी.एस.पी., अपने सामर्थवान लोगों से मदद लेकर, उनके भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेगी। 2/2
— Mayawati (@Mayawati) May 5, 2020
मायावती ने आगे कहा, "ऐसी स्थिति में बसपा का यह भी कहना है अगर सरकारें प्रवासी मजदूरों का किराया देने में आनाकानी करती हैं तो फिर वह अपने सामर्थ्यवान लोगों से मदद लेकर उनको भेजने की व्यवस्था करने में अपना थोड़ा योगदान जरूर करेगी।"
कांग्रेस ने योगी को लिखा लेटर
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर प्रवासी मजदूरों का विवरण मांगा है। उन्होंने कहा कि मजदूरों का किराया प्रदेश कांग्रेस कमेटी वहन करेगी। उन्होंने मजदूरों से आग्रह किया कि वह निश्चिंत होकर घर लौटे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के निदेर्ष पर प्रदेश कांग्रेस उनके रेल टिकट का खर्च वहन करेगी।
अखिलेश ने साधा निशाना
उधर, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा कि प्रदेश के हजारों लोग फंसे हैं। अन्य प्रांतों में फंसे यहां के श्रमिकों का सही आंकड़ा भी नहीं है। अब दूसरे राज्यों की सरकारों द्वारा यूपी वालों की उपेक्षा किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। अपने उत्तर प्रदेश में भी अब प्रशासन उदासीन हो चला है।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज में भ्रष्टाचार भी कहां थम रहा है। रेलवे ने यात्रियों से कमाया पैसा प्रधानमंत्री के कोष में दान किया। फिर वही पैसा वसूलने के लिए भूखे प्यासे और जैसे-तैसे अपने घर लौट रहे गरीब श्रमिकों से 50 रूपया सरचार्ज लगा किराया लिया जा रहा है। आपदाकाल में भी गरीब का शोषण भाजपा मॉडल है। कामगारों और श्रमिकों के साथ सरकार जो दुर्व्यवहार कर रही है उससे देश के आत्मसम्मान को धक्का लग रहा है।