बिहार में मुजफ्फरपुर के रेड लाइट इलाके(red light area) से तालुक रखने वाली नसीमा खातून को मनवाधिकार आयोग के सलाहकार कोर ग्रुप का सदस्य चुना गया है. वह सेक्स वर्कर(sex worker) की बेटी हैं और वंचित समाज के अधिकारों की लड़ाई लड़ रही हैं. नई जिम्मेदारी को लेकर उन्होंने आयोग के सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया है.
नसीमा खातून बनीं एनएचआरसी की सलाहकार
मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी जिम्मेदारी मिलेगी. इसको पूरा करने के लिए मेहनत करूंगी. कई चुनौतियां भी होंगी. मैं रेड लाइट एरिया के लिए लड़ाई लड़ रही हूं. ये कहना है नसीमा खातून का जिन्हें मनवाधिकार आयोग के सलाहकार कोर ग्रुप का सदस्य चुना गया है.
सेक्स वर्कर की बेटी हैं नसीमा
गौरतलब है कि बिहार में मुजफ्फरपुर के रेड लाइट इलाके से तालुक रखने वाली नसीमा सेक्स वर्कर की बेटी हैं. वंचित समाज से आने वाली नसीमा रेड लाइट एरिया में महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ रही हैं. अब उनको नई जिम्मेदारी मिली है.
गूगल पर सर्च करके देखी लिस्ट
नई जिम्मेदारी को लेकर नसीमा खातून कहती हैं, "अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि वंचित समाज की बेटी आज देश की बेटी बन गई है. सदस्य चुने जाने की खबर जब फोन पर मिली तो भरोसा नहीं हुआ. इस पर गूगल पर सर्च करके लिस्ट देखी. तब जाकर आंखों को यकीन और मन को भरोसा हुआ."
7 नवंबर को जारी की गई थी लिस्ट
बता दें कि इसी महीने 7 नवंबर को मानवाधिकार रक्षकों और गैर सरकारी संगठनों को लेकर NHRC (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) के सलाहकार कोर ग्रुप की सदस्य सूची जारी की गई थी. इसमें मुजफ्फरपुर के चतुर्भुज स्थान से आने वाली परचम संगठन की सचिव नसीमा खातून को भी नॉमिनेट किया गया है.
राष्ट्रीय स्तर पर मिली बड़ी जिम्मेदारी
इसको लेकर नसीमा बताती हैं, " मैं अपने वंचित समाज के अधिकारों की लड़ाई अब आगे बढ़ा रही हूं. समाज के सभी बुजुर्गों के आशीर्वाद, साथियों के प्यार से राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी मिली है. NHRC (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) के सलाहकार कोर ग्रुप की सदस्य होने का मौका मिला है. इससे मैं अपने समाज की आवाज देश के सबसे बड़े न्यायिक फोरम पर मजबूती के साथ उठा सकूंगी. यहां समस्याओं का निदान भी होगा. मुझे भरोसा है कि सभी के आशीर्वाद से सफलता मिलेगी". उन्होंने नई जिम्मेदारी के लिए मानवाधिकार आयोग के सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया.
सोर्स आज तक