बाबरी विध्वंस केस के ट्रायल के लिए SC ने दी डेडलाइन, 31 अगस्‍त तक फैसला सुनाने को कहा

सीबीआई द्वारा बाबरी मस्जिद के विध्वंस के संबंध में दायर एक मामले में समय से निर्णय देने का निर्देश दिया जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह आरोपी हैं.

Update: 2020-05-08 13:59 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस केस का मुकदमा 31 अगस्त तक पूरा करने के आदेश दिए हैं. पहले तय मियाद के मुताबिक अप्रैल में लखनऊ की निचली अदालत को फैसला देना था लेकिन अभी भी सभी गवाहों के बयान दर्ज नहीं हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने समय सीमा बढ़ाते हुए कहा कि बयान वीडियो कांफ्रेंसिंग से भी दर्ज किए जाएं.

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद ट्रायल कोर्ट के जस्टिस एसके यादव के कार्यकाल को 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है. उन्हें सीबीआई द्वारा बाबरी मस्जिद के विध्वंस के संबंध में दायर एक मामले में समय से निर्णय देने का निर्देश दिया जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम कल्याण सिंह आरोपी हैं.



रिपोर्ट के अनुसार मई 2017 में, विशेष CBI अदालत ने भाजपा नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती और अन्य पर बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में आपराधिक साजिश का आरोप लगाया था. कथित तौर पर चश्मदीद गवाहों की परीक्षा में देरी भाजपा के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने में देरी के कारण हुई. 6 दिसंबर 1992 को जब भीड़ ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दी थी तब कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.

 

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