अब इंतजार खत्म! 12वी की बोर्ड परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगा अंतिम फैसला
कोरोना महामारी में लाखों बच्चों की परीक्षा सुरक्षित तरीके से करा पाना संभव नहीं है। इसलिए परीक्षाओं को रद्द कर देना चाहिए।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को मद्देनजर रखते हुए कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में वकील ममता शर्मा द्वारा दायर याचिका पर आज सुनवाई होने जा रही है। याचिकाकर्ता का कहना है कि अगर मौजूदा हालातों को देखते हुए परीक्षाओं को स्थगित कर दिया जाएगा तो नतीजे आने में देरी हो सकती है। जिसका असर आगे की पढ़ाई पर पड़ेगा। वहीं कोरोना महामारी में लाखों बच्चों की परीक्षा सुरक्षित तरीके से करा पाना संभव नहीं है। इसलिए परीक्षाओं को रद्द कर देना चाहिए।
ऑब्जेक्टिव मेथड के आधार पर हो नतीजे घोषित
अधिवक्ता ममता शर्मा ने यह भी मांग की है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाण पत्र (आईसीएसई) द्वारा तय समय सीमा के भीतर ऑब्जेक्टिव मेथड के आधार पर कक्षा बारहवीं के परिणाम घोषित कर देना चाहिए।
परीक्षा आयोजित करने पर बनी सहमति
मीडिया को दिए बयान में शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर परीक्षा आयोजित करने पर आम सहमति बनी है। हालांकि अंतिम फैसले की घोषणा शिक्षा मंत्री द्वारा 1 जून को की जाएगी।
शिक्षा मंत्रालय के बाहर होगा एनएसयूआई का प्रदर्शन
कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई आज शिक्षा मंत्रालय के बाहर बारहवीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने जा रहे हैं। एनएसयूआई का कहना है कि विशेषज्ञों द्वारा कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को सबसे ज्यादा खतरे की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को देखते हुए परीक्षाओं को रद्द कर देना चाहिए।
300 विद्यार्थियों ने प्रधान न्यायाधीश को लिखा पत्र
रविवार को आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में बारहवीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की आहट मिलते ही तकरीबन 300 छात्रों ने परीक्षाएं रद्द करने की मांग की है। विद्यार्थियों ने प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना को पत्र भेजकर यह आग्रह किया है कि वह सीबीएसई द्वारा ऑफलाइन परीक्षाएं आयोजित करने की जगह वैकल्पिक मूल्यांकन की योजना बनाने का निर्देश दें।