संतो ने भरी ललकार, किसान आंदोलन को दिया समर्थन, बोले काला कानून वापस करे सरकार
इस सरकार के दिमाग में जरूर गलतफहमी है और सरकार इन किसानों के विरोध को नहीं झेल पाएगी .क्योंकि गरीब के पेट से निकली ज्वाला सब कुछ खत्म कर देती है.
गाजीपुर बॉर्डर पर आज आचार्य कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम के नेतृत्व में काशी सुमेरु पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती के पावन सानिध्य में भारत के 11 प्रमुख संतो के प्रतिनिधि मंडल ने भारतीय किसान यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा को अपना समर्थन दिया.
जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, देश के अन्नदाता पूरे समाज के पेट की भूंख को शांत करते हैं. वह चाहे नेता हो अभिनेता हो मंत्रि या संत हो सब के पेट की भूख अन्न खाने से ही शांत होती है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के लिए यह काला कानून लेकर आइए यह कानून देश के किसानों को पसंद नहीं है तो केंद्र की मोदी सरकार इनको वापस क्यों नहीं ले लेती है' इस सरकार के दिमाग में जरूर गलतफहमी है और सरकार इन किसानों के विरोध को नहीं झेल पाएगी .क्योंकि गरीब के पेट से निकली ज्वाला सब कुछ खत्म कर देती है.
वही मंच पर नाथ संप्रदाय के महंत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु भाई राकेश नाथ ने कहा कि भगवान हमारे गुरु भाई को भगवान सद्बुद्धि दे जिससे किसानों का आंदोलन वापस करने की रास्ता निकाल लें. किसान इन बिलों को वापस करने की जिद पर अड़े हैं तो सरकार एक बार वापस ले और किसानों की बात मान ले. ताकि दाता अपना कार्य कर सकें. सरकार लगातार इतने दिनों से आखिर किसानों की बात सुन क्यों नहीं रही है.
इसके बाद सभी संतो ने राकेश टिकैत को अपना समर्पण समर्थन पत्र सौंपा और उनको आशीर्वाद दिया. राकेश टिकैत के ऊपर पुष्पों की वर्षा करते हुए संतो ने कहा अभी भी समय है और केंद्र सरकार को किसानों की बात मान लेनी चाहिए और इन भूखे प्यासे पड़े किसानों को घर वापस भेज देना चाहिए. सभी संतो ने शहीद हुए 192 किसानों को अपनी श्रद्धांजलि दी.
कार्यक्रम में कल्कि धाम तीर्थ के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम में कहा कि इस आंदोलन के दौरान देश ही नहीं विदेशों से भी लोग जल लेकर आ रहे हैं. उसे यहां एक भारतीय तिरंगे के लिए स्थान बनाए जाने लिए किया जाएगा और इस देश का नाम किसान क्रांति गेट रखा जाएगा और वहां तिरंगा लहराता रहेगा. इस दौरान एक युवक इंग्लैंड से पानी लेकर आया था जिसे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत को पिलाया गया और उस युवा का मंच पर सम्मान किया गया.
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कार्यक्रम के अंत में राकेश टिकैत ने सभी संतो का प्रणाम करके आशीर्वाद लिया और कहा कि जब जब देश में कोई समस्या उत्पन्न होती है तो इस देश को संत समाज ही बचाने के लिए सबसे आगे आता है. यह बात आज की नहीं है हमेशा से संत समाज ने देश को बचाने का काम किया है और मैं सभी आए हुए संत संतों का स्वागत करता हूं अभिनंदन करता हूं और आग्रह करता हूं कि इस आंदोलन पर अपना पूरा आशीर्वाद बनाए रखें और उस परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करें कि सरकार को सद्बुद्धि दें ताकि यह कानून वापस हो सके.
इसके बाद कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने चालीस सदसीय समिति के सदस्य और भारतीय किसान यूनियन (असली) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी हरपाल सिंह के कार्यालय में जाकर उनको भी अपना समर्थनदिया और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. हरपाल चौधरी का भी कान का ऑपरेशन हुआ है लेकिन वो गाजीपुरबोर्डर पर आन्दोलन कर रहे है. आचार्य ने उनके कार्यालय पर उनसे बातचीत करते हुए कहा कि अगर आप इस हाल में भी आंदोलन रत है तो इस बार सरकार को आपकी बात जरुर माननी पड़ेगी.
चौधरी हरपाल सिंह ने आचार्य प्रमोद कृष्णम के साथ आये सभी संत समाज का स्वागत किया और आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपके आशीष से अब हम इस जंग को जरुर जीतेंगे. हम आपसे ये वादा करते है कि हम बिल वापस लेकर जायेंगे या फिर अब हमारी लाश ही हमारे घर जायेगी .
इसके बाद संतों ने कार्यक्रम स्थल से विदा ली. इस दौरान भारी हुजूम संत समाज की वाणी सुनने के लिए एकत्रित हो गया. आचार्य प्रमोद कृष्णम के नारे लगाते ही हजारों की तादाद में मौजूद भीड़ ने में जोश आ गया और नारेवाजी करने लगी.