शरद पवार ने कृषि कानूनों पर उठाए सवाल, कृषि मंत्री तोमर का जवाब- आपको दी गई गलत जानकारी

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि शरद पवार पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री रहे हैं, जिन्हें कृषि से संबंधित मुद्दों और समाधानों के बारे में अच्छी जानकारी है.

Update: 2021-01-31 13:12 GMT

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार पर नए कृषि कानूनों को लेकर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि शरद पवार अनुभवी नेता हैं लेकिन कृषि कानूनों के बारे में उन्हें गलत जानकारी दी गई.

एनसीपी प्रमुख के कृषि कानूनों पर किए गए ट्वीट की तरफ इशारा करते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि शरद पवार एक वरिष्ठ नेता हैं, मुझे लगता है कि उनके सामने तथ्य गलत तरीके से पेश किए गए हैं. अब जब उन्हें सही तथ्यों की जानकारी हो गई है, तो मुझे लगता है कि कृषि सुधारों के प्रति वे अपना रवैया बदलेंगे और किसानों को भी इसके लाभ से अवगत कराएंगे. नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि शरद पवार एक अनुभवी राजनेता और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री रहे हैं, जिन्हें कृषि से संबंधित मुद्दों और समाधानों के बारे में अच्छी जानकारी है. उन्होंने खुद कृषि संबंधी सुधारों को पहले लाने की पुरजोर कोशिश की है.

एनसीपी प्रमुख के ट्वीट पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि चूंकि शरद पवार कृषि मुद्दों पर अनुभव रखते हैं और विशेषज्ञता के साथ बोलते हैं. इसलिए कृषि सुधारों पर अज्ञानता और गलत सूचनाओं वाले उनके ट्वीट को देखना निराशाजनक था. मैं कुछ तथ्यों को प्रस्तुत करना चाहता हूं.

सिलसिलेवार ट्वीट में कृषि मंत्री ने कहा कि नए कानून किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए अतिरिक्त विकल्प मुहैया कराते हैं. किसान अपनी सुविधा अनुसार कहीं भी अपनी उपज को प्रतिस्पर्धी और बेहतर शुद्ध पर राज्य या राज्य से बाहर बेच सकते हैं. नया कानून यह वर्तमान MSP सिस्टम को प्रभावित नहीं कर रहा है.

नरेंद्र सिंह तोमर ने दावा किया कि इसके स्थान पर मंडियां अब सेवा और अधोसरंचना के संदर्भ में ज्यादा प्रतिस्पर्धी और किफायती साबित हो सकेंगी और दोनों व्यवस्थाएं किसानों के हित के लिए एक साथ समान रूप से क्रियाशील रहेंगी. कृषि मंत्री ने कहा कि जैसा कि मैं मानता हूं कि वह (शरद पवार) अनुभवी नेता हैं. लेकिन उन्होंने वास्तव में तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया. अब जब उनके पास सही तथ्य हैं, मुझे उम्मीद है कि वह अपना रुख भी बदलेंगे और हमारे किसानों को नए कानूनों के लाभ के बारे में भी बताएंगे.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मैं संशोधित आवश्यक वस्तु अधिनियम के बारे में भी चिंतित हूं. अधिनियम के अनुसार सरकार मूल्य नियंत्रण के लिए तभी हस्तक्षेप करेगी जब बागवानी उत्पादों की दरों में 100% और गैर-विनाशकारी वस्तुओं की दरों में 50% की वृद्धि हो. खाद्य अनाज, दालें, प्याज, आलू, तिलहन आदि पर भंडारण की सीमा खत्म कर दी गई. इससे यह आशंका है कि कॉरपोरेट कम दरों पर अनाज और अन्य जरूरी चींजे स्टॉक कर लेंगे, जमाखोरी करेंगे और उपभोक्ताओं को उच्च मूल्य पर बेचेंगे.

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