केन्द्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 2020 के बाद से जेल के आंकड़ों वाली रिपोर्ट में ट्रांसजेंडर कैदियों का ब्योरा शामिल करने के लिए एक पत्र जारी किया गया है। मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की एक पीठ को अतिरिक्त सॉलिस्टर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा ने एक रिपोर्ट सौंपी।
जेल के आंकड़ों की रिपोर्ट में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) को "ट्रांसजेंडर कैदियों का ब्योरा शामिल करने के लिए अपेक्षित नीति बनाने और संशोधन करने" के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध वाली याचिका के जवाब में उन्होंने यह रिपोर्ट जारी की है।
एएसजी ने कहा कि यह नोटिस 4 दिसम्बर को ही जारी कर दिया गया था, इसलिए अब इस याचिका के कोई मायने नहीं है। एएसजी के प्रतिवेदन जारी करने के मद्देनजर अदालत ने करण त्रिपाठी की याचिका का निस्तारण कर दिया।