वंदे भारत मिशन की पहली उड़ान आज, Lockdown में 12 देशों से घर लौटेंगे करीब 2 लाख भारतीय

विदेशों में फंसे भारतीयों को देश वापस लाने के लिए केंद्र सरकार के चलाए गए ‘वंदे भारत मिशन की शुरुआत 7 मई से हो गई है.

Update: 2020-05-07 07:12 GMT

नई दिल्ली : कोरोना वायरस से पूरे विश्व में कोहराम मचा हुआ है. जिससे कई देशों में फंसे भारतीय लोगों को भरी संकट का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के चलते सभी देशों में कंपनियां व ट्रेवलिंग सभी पर रोक है, जिससे जो जिस देश में वहीँ फंसा हुआ है. 25 मार्च से जारी देशव्यापी लॉकडाउन के बीच एयर इंडिया विदेश में फंसे हुए भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए 'वंदे भारत मिशन' शुरू कर दिया है. इसके तहत गुरुवार को नई दिल्ली से सिंगापुर के लिए पहली विशेष उड़ान संचालित करने कर रहा है. 

लॉकडाउन के बीच विदेशों में फंसे रह गए भारतीयों को निकालने की योजना बनाई गई है. यह योजना उन भारतीयों के लिए है जो लॉकडाउन शुरू होते ही विदेशों में ही फंसे रह गए या विदेशों से आए लोग भारत से वापस नहीं जा पाए. स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपीएस) के बाद एयरलाइन ने अपने पायलटों और चालक दल का कोविड-19 परीक्षण किया है.


वंदे भारत मिशन की शुरुआत

विदेशों में फंसे भारतीयों को देश वापस लाने के लिए केंद्र सरकार के चलाए गए 'वंदे भारत मिशन (Vande Bharat Mission)' की शुरुआत 7 मई से हो गई है. इसके तहत एयर इंडिया 12 देशों में फंसे करीब 1,93,000 नागरिकों को देश वापस लाएगा. विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए तय उड़ानें कोच्चि से अबू धाबी, दिल्ली से सिंगापुर और कालीकट से दुबई तक जाएंगी.

पहली उड़ान नई दिल्ली से सिंगापुर

'वंदे भारत मिशन' के तहत पहली तय उड़ान गुरुवार को नई दिल्ली से सिंगापुर के लिए हो रही है है. दिल्ली-सिंगापुर की यह उड़ान 64 फेरी सेवाओं में पहली उड़ान होगी, जो एयरलाइन और इसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा सात से 13 मई तक संचालित की जानी है. यह गुरुवार को संचालित होने वाली भी एकमात्र उड़ान होगी.

विदेशी नागरिकों को उनके देश लेकर जाएंगे

एयर इंडिया यहां से विदेश जाते समय विमान खाली ले जाने की बजाए उसमें संबंधित देशों में जाने वाले यात्रियों को ले जाया जा सकता है. 'वंदे भारत मिशन' के तहत अमेरिका, ब्रिटेन, बांग्लादेश, मलेशिया, फिलीपिंस, सिंगापुर, यूएई, सऊदी अरब, कतर, बहरीन, कुवैत और ओमान में फंसे भारतीयों को वापस लाया जाएगा. एयर इंडिया ने बुधवार से इसके लिए बुकिंग शुरू कर दी है.

यात्रा के लिए लगाईं गईं शर्तें

हाल ही में अपनी अनिश्चित वित्तीय स्थिति के बावजूद एयरलाइन ने कोविड-19 संकट के दौरान विदेश में फंसे 9,000 से अधिक यात्रियों को निकाला है. इस बार की यात्रा के संबंध में एयर इंडिया ने सहायता के लिए अपने नंबर भी जारी किए हैं. एयर इंडिया के अनुसार, वे लोग जो इन देशों में जाने की शर्तों को पूरा करते हैं, टिकट बुक कर सकते हैं. मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने कहा कि एक व्यक्ति-

जिसके पास OCI कार्ड या ग्रीन कार्ड है, यावह किसी विदेशी देश की नागरिकता रखता है, या उस देश के एक साल से ज्यादा का वैध वीजा रखता है, या वन्दे भारत मिशन के तहत यात्रा कर सकते हैं.

इन्हीं सब के बीच, भारत या विदेश के वे नागरिक जिनमें कोरोना के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी.

1990 के एयरलिफ्ट से की जा रही तुलना

इसकी तुलना में अगर तीन दशक पहले के ऑपरेशन की बात करें तो एयर इंडिया ने एयरलाइनों के एक समूह का नेतृत्व किया था, जिसमें करीब 111,711 भारतीयों को वापस लाया गया था. इस कार्य में भारतीय वायुसेना शामिल थी. यह उस समय की बात है जब इराक ने 1990 में कुवैत पर हमला कर दिया था और वहां फंसे भारतीयों को वापस लाना पड़ा था. उस 59 दिवसीय ऑपरेशन में 488 उड़ानें शामिल हुई थीं.र यह पहले खाड़ी युद्ध से पहले आयोजित किया गया था.

(आईएएनएस इनपुट के साथ)

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