उपराष्ट्रपति श्री एम वैंकैया नायडू की अपील शैक्षणिक संस्थानों से ऑनलाइन लर्निंग प्रोग्राम में योग को किया जाए शामिल
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) के अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री एम वैंकैया नायडू ने शैक्षणिक संस्थानों से ऑनलाइन लर्निंग प्रोग्राम के रूप में योग को शामिल करने को कहा है. उन्होंने कहा कि इस महामारी के समय में अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का योग सबसे अच्छा उपाय है.
21 जून को मनाया जाता है योग दिवस
साल 2015 से भारत और पूरी विश्व 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है. इस साल स्पिक मैके द्वारा ऑर्गनाइज किए गए 'योग एंड मेडिटेशन शिविर' के अवसर पर उप राष्ट्रपित ने कहा कि योग भारत द्वारा दुनिया को दिया गया अनमोल उपहार है.
स्वास्थ्य सुधार में कम जोखिम वाला है योग
इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि योग शारीरिक व्यायाम मात्र नहीं है बल्कि 5 हज़ार साल पुरानी यह प्रेक्टिस व्यक्ति में शांति, समन्वय, दया और संतुलन के भाव को भी बढ़ाती है. नायडू ने कहा कि स्वास्थ्य सुधारने में योग कम जोखिम वाला और अच्छे परिणाम देने वाला तरीका साबित हो सकता है. उन्होंने ''आधुनिक जीवन के दबावों और तनाव से निपट नहीं पाने के कारण'' लोगों के आत्महत्या करने की घटनाओं पर चिंता जताई.
अवसाद, घबराहट से निपटने में मददगार है योग
नायडू ने कहा कि अवसाद, घबराहट और तनाव जैसी समस्याओं से प्रभावशाली तरीके से निपटने में योग मददगार हो सकता है. उन्होंने कहा कि केवल वैश्विक महामारी ही स्वास्थ्य संकट नहीं है, जो लोगों के जीवन और कल्याण के लिए खतरा उत्पन्न कर रही है. उन्होंने जीवनशैली संबंधी बढ़ती बीमारियों को लेकर भी चिंता जताई.
नायडू ने शिक्षण संस्थाओं से अपील की कि वे कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के मद्देनजर आयोजित हो रहे ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रमों में योग को भी शामिल करें. उन्होंने कहा कि यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है.