बड़ी कामयाबी, विजय माल्या को जल्द लाया जायेगा भारत

9000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के आरोपी विजय माल्या को भारत लाये जाने का रास्ता साफ हो गया है।

Update: 2020-05-14 15:41 GMT
File Photo

बैंकों का पैसा लेकर लंदन भाग जाने वाले विजय माल्या को बड़ा झटका और भारत सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। विजय माल्या को भारत लाये जाने का रास्ता साफ हो गया है। विजय माल्या ने ब्रिटेन की हाई कोर्ट में अपना केस सुप्रीम कोर्ट में ले जाये जाने की अपील की थी जिसे ब्रिटिश हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। ब्रिटिश हाईकोर्ट के इस आदेश के 28 दिन के भीतर ब्रिटिश एजेंसियां विजय माल्या को गिरफ्तार कर भारतीय एजेंसियों को सुपुर्द कर देंगी।

भारत के भगोड़े कारोबारी विजय माल्‍या को ब्रिटेन के हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। अब ब्रिटेन में उसके पास कोई कानूनी रास्‍ता नहीं बचा है। बताया जा रहा है कि ब्रिटेन के होम सेक्रेटरी को माल्‍या के प्रत्‍यर्पण के आदेश पर 28 दिन में हस्‍ताक्षर करना होगा। इसके बाद ब्रिटेन का संबंधित विभाग भारत के अधिकारियों के साथ माल्‍या के प्रत्‍यर्पण के बारे में समन्‍वय करेगा।

इससे पहले भारत में अपने प्रत्यर्पण की लड़ाई लड़ रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने गुरुवार को सरकार ने 100 प्रतिशत कर्ज चुकाने के उनके प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए कहा था। माल्‍या ने भारत सरकार से उनके खिलाफ मामले बंद करने की अपील भी की थी। माल्या ने हाल में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज पर भारत सरकार को बधाई देते हुए अफसोस जताया कि उनके बकाया चुकाने के प्रस्तावों को बार-बार नजरअंदाज किया गया।

माल्या ने ट्वीट किया, 'कोविड-19 राहत पैकेज के लिए सरकार को बधाई। वे जितना चाहें उतने नोट छाप सकते हैं, लेकिन क्या मेरे जैसे छोटे योगदानकर्ता की अनदेखी करनी चाहिए, जो सरकार के स्वामित्व वाले बैंक से लिया गया 100 फीसदी कर्ज वापस करना चाहता है।' माल्‍या 650,000 पाउंड के बांड पर 17 अप्रैल से जमानत पर चल रहा है। सीबीआई और ईडी को आशा है कि अगले 28 दिनों में माल्‍या को भारत भेज दिया जाएगा।

माल्या बंद हो चुकी विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के प्रवर्तक हैं, और 9,000 करोड़ रुपये के कथित धोखाधड़ी और धन शोधन मामले में उनकी तलाश है। इससे पहले विजय मालया ने कहा था कि 'कृपया बिना किसी शर्त मुझसे धन लीजिए और मेरे मामले को बंद कीजिए।' इस महीने की शुरुआत में माल्या ने भारत प्रत्यर्पण के लिए लंदन हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

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