क्या होता है लॉकडाउन?जानिए यूपी के इन 16 जिलों में 25 मार्च तक, तो दिल्ली में 31 मार्च तक है लागू
लॉकडाउन एक इमर्जेंसी व्यवस्था होती है। अगर किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच पूरी दिल्ली को लॉकडाउन कर दिया गया है, सोमवार सुबह 6 बजे 31 मार्च रात 12 बजे तक दिल्ली में मेट्रो, अंतर्राज्यीय बसों समेत अंतरराष्ट्रीय व घरेलू यातायात सेवाएं ठप कर दी गई हैं। आपात स्थिति के लिए डीटीसी की सिर्फ 25 फीसदी बसें सड़कों पर रहेंगी।
गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा सहित यूपी के 16 जिलों में लॉकडाउन
योगी सरकार ने लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा सहित यूपी के 16 जिलों को लॉकडाउन कर दिया गया है. इसके साथ-साथ देशभर के कुल 75 जिलों में लॉकडाउन की घोषणा पहले ही की जा चुकी है. इसके अलावा दिल्ली में धारा-144 लगा दी गई है. देशभर के इन 75 जिलों में यूपी के 15 जिले भी शामिल हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से कहा, 'प्रदेश की जनता ने 'जनता कर्फ्यू' में सराहनीय योगदान किया है. हमारा यह कार्यक्रम अभी जारी रहेगा. ऐसे 15 जिले जहां कोरोना वायरस को कोई भी व्यक्ति प्रभावित है, या उसे पृथक किया गया है, उन जनपदों को 23 से 25 मार्च तक पूरी तरह लॉक डाउन किया जाएगा.' उन्होंने बताया कि इन जिलों में आगरा, लखनऊ, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, वाराणसी, लखीमपुर खीरी, बरेली, आजमगढ़, कानपुर, मेरठ, प्रयागराज, अलीगढ़, गोरखपुर और सहारनपुर शामिल हैं. योगी ने कहा कि इन जिलों के सभी नागरिकों से अपील है कि वे कहीं बाहर न निकलें. अनावश्यक भीड़ न लगाएं और सार्वजनिक स्थानों पर न जाए, क्योंकि वे उस दौर में खड़े हैं, जहां थोड़ी सी भी लापरवाही नुकसानदेह हो सकती है. इन जिलों में पूरी तरह पुलिस और प्रशासन की गश्त होगी।
क्या होता है लॉकडाउन?जानिए
लॉकडाउन एक इमर्जेंसी व्यवस्था होती है। अगर किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। जीवन के लिए आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। अगर किसी को दवा या अनाज की जरूरत है तो बाहर जा सकता है या फिर अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से भी बाहर निकलने की अनुमति मिल सती है।
क्यों करते हैं लॉकडाउन?
किसी तरह के खतरे से इंसान और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है। जैसे कोरोना के संक्रमण को लेकर कई देशों में किया गया है। कोरोनावायरस का संक्रमण एक-दूसरे इंसान में न हो इसके लिए जरूरी है कि लोग घरों से बाहर कम निकले। बाहर निकलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा। इसलिए कुछ देशों में लॉकडाउन जैसी स्थिति हो गई है।
किन देशों में है लॉकडाउन?
चीन, डेनमार्क, अल सलवाडोर, फ्रांस, आयरलैंड, इटली, न्यूजीलैंड, पोलैंड और स्पेन में लॉकडाउन जैसी स्थिति है। चूंकि चीन में ही सबसे पहले कोरोनावायरस संक्रमण का मामला सामने आया था, इसलिए सबसे पहले वहां लॉकडाउन किया गया। इटली में मामला गंभीर होने के बाद वहां के प्रधानमंत्री ने पूरे देश को लॉकडाउन कर दिया। उसके बाद स्पेन और फ्रांस ने भी कोरोना संक्रमण रोकने के लिए यही कदम उठाया।
कब-कब हुआ लॉकडाउन?
अमेरिका में 9/11 के आतंकी हमले के बाद वहां तीन दिन का लॉकडाउन किया गया था। दिसंबर 2005 में न्यू साउथ वेल्स पुलिस फोर्स ने दंगा रोकने के लिए लॉकडाउन किया था। 19 अप्रैल, 2013 को बोस्टन शहर को आतंकियों की खोज के लिए लॉकडाउन कर दिया गया था। नवंबर 2015 में पैरिस हमले के बाद संदिग्धों को पकड़ने के लिए साल 2015 में ब्रुसेल्स में पूरे शहर को लॉकडाउन किया गया था।
इन पर प्रतिबंध नहीं
स्वास्थ्य सेवाएं, दवा की दुकान, चिकित्सकीय उपकरण, सामग्री एवं दवाइयों की निर्माण इकाइयां।
फल/सब्जी/दूध/डेरी/किराना/पेयजल। आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन, खाद्य सामग्री, कृषि उत्पाद एवं उनसे संबंधित निर्माण इकाइयां एवं उनके थोक एवं फुटकर विक्रेता।
डाक सेवाएं, बैंक, एटीएम, बीमा कंपनियां, ई-कॉमर्स (खाद्य वस्तु, होम डिलीवरी, ग्रॉसरी)।
पुलिस/सशस्त्र बल एवं अर्द्धसैन्य बल, जिला प्रशासन, बिजली के दफ्तर व बिलिंग सेंटर।
पेट्रोल पंप, एलपीजी गैस, ऑयल एजेंसी (इनसे संबंधित गोदाम एवं परिवहन के साधन)।
प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया।
राज्य संपत्ति विभाग, सूचना, जनसंपर्क एवं सूचना प्रौद्योगिकी, अग्नि शमन एवं सिविल डिफेंस, आपात कालीन सेवाएं, टेलीफोन, इंटरनेट, डेटा सेंटर, नेटवर्क सर्विसेज, आईटी से जुड़ी और संबंधित सेवाएं।
पशु चिकित्सा एवं पशु आहार से संबंधित इकाइयां एवं विक्रेता।