Telecommunications Bill : जानिए- क्या है यह विधेयक, इससे क्या बदलाव आएंगे!

संसद में टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 पेश किया था जिसे बुधवार को लोकसभा ने पारित कर दिया।

Update: 2023-12-20 14:52 GMT

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा लोकसभा में पेश किया गया दूरसंचार विधेयक 2023, राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं को संबोधित करता है, जिससे दूरसंचार सेवाओं पर अस्थायी नियंत्रण की अनुमति मिलती है।  संसद में टेलीकम्युनिकेशन बिल 2023 पेश किया था जिसे बुधवार को लोकसभा ने पारित कर दिया। इस रिपोर्ट में जानिए कि यह बिल क्या है और इसके आने से क्या बदलाव आएंगे।

इस बिल के उद्देश्य व कारण सेक्शन में बताया गया है कि डिजिटल समावेशी विकास उपलब्ध कराने वाले सुरक्षित टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क पर फोकस एक वैध व नियामक फ्रेमवर्क बनाने के लिए इस विधेयक की जरूरत है। बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने इस विधेयक को अगस्त में ही अनुमति दे दी थी। 

यह कानून तीन मौजूदा अधिनियमों को प्रतिस्थापित करने वाला है - भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885; भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933; और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्ज़ा) अधिनियम, 1950। सरकार का लक्ष्य इस विधेयक के माध्यम से डिजिटल युग में भारत के नियामक ढांचे को आधुनिक बनाना है, जो केंद्र को दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा के लिए नियम स्थापित करने का अधिकार देता है।यह बिल 138 साल पुराने इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 की जगह लेगा। यह विधेयक सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में किसी भी नेटवर्क या टेलीकम्युनिकेशन सर्विस को मैनेज या सस्पेंड करने की ताकत देता है। यह टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं और नेटवर्क के विस्तार, विकास व संचालन से जुड़े कानूनों में संशोधन कर उन्हें मजबूत करेगा।

“यह विधेयक दूरसंचार सेवाओं और दूरसंचार नेटवर्क के विकास, विस्तार और संचालन से संबंधित कानून में संशोधन और समेकित करने का प्रयास करता है; स्पेक्ट्रम का असाइनमेंट; और जुड़े मामलों के लिए, ”वैष्णव ने इसका परिचय देते हुए कहा

इसमें सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम के आवंटन में बदलाव का प्रस्ताव भी था जिसे अब नीलामी के बजाय एडमिनिस्ट्रेटिव प्रोसेस के जरिए दिया जाएगा। इससे भारती के वनवेब, रिलायंज के जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस, एलन मस्क के स्टारलिंक और अमेजन के प्रोजेक्ट कुइपर को मुख्य रूप से फायदा मिलेगा।

यह विधेयक केंद्र सरकार को टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क्स और सेवाओं की साइबर सिक्योरिटी के मानकों के लिए नियम बनाने की अनुमति भी देता है। साथ ही सरकार टेलीकम्युनिकेशन सेवा प्रदाताओं से कुछ विशेष मैसेज ट्रांसमिट करने के लिए भी कह सकती है।

इसके अलावा इसमें कहा गया है कि TRAI का चेयरपर्सन बनने के लिए कम से कम 30 साल का पेशेवर अनुभव होना चाहिए। वहीं, इसका सदस्य बनने के लिए कम से कम 25 साल का अनुभव चाहिए होगा।

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