कांवड़ यात्रा में सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, यूपी, उत्तराखंड और केंद्र को जारी किया नोटिस
इससे पहले उत्तराखंड और ओडिशा सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए कांवड़ यात्रा की इजाजत नहीं दी है.
कोरोना की तीसरी लहर के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा की इजाजत देने के मामले में बुधवार को जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन की बेंच ने स्वतः संज्ञान लिया. कोर्ट ने कहा कि हमने आज इंडियन एक्सप्रेस में कुछ परेशान करने वाला पढ़ा कि यूपी राज्य ने कांवड़ यात्रा जारी रखने के लिए चुना है, जबकि उत्तराखंड राज्य ने कहा कि कोई यात्रा नहीं होगी.
कोर्ट ने पूछा कि हम जानना चाहते हैं कि संबंधित सरकारों का क्या रुख है. देश के नागरिक पूरी तरह से हैरान हैं, उन्हें नहीं पता कि क्या हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि हम केंद्र, यूपी और उत्तराखंड को नोटिस जारी कर रहे हैं. साथ ही कहा कि कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से निकलने वाली है, इसलिए हम चाहते हैं कि वो जल्द से जल्द जवाब दाखिल करें ताकि मामले की सुनवाई शुक्रवार को हो सके. हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कोविड नियमों का पालन करने के आधार पर कावड़ यात्रा की इजाजत दी थी.
इससे पहले उत्तराखंड और ओडिशा सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए कांवड़ यात्रा की इजाजत नहीं दी है. मंगलवार को उत्तराखंड सरकार ने कोरोना के चलते इस साल होने वाली कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया. इससे पहले IMA ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की थी कि कांवड़ यात्रा के प्रस्ताव को न मानें और इस पर रोक लगाएं.
वहीं ओडिशा सरकार ने कांवड़िया और बोल बम भक्तों की आवाजाही और मंडली पर रोक लगा दी है. साथ ही उन्हें धार्मिक स्थानों या अन्य स्रोतों से पानी ले जाने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा सार्वजनिक सड़कों पर चलने और श्रावण (जुलाई-अगस्त) के महीने के दौरान मंदिरों में पानी डालने की अनुमति भी नहीं दी है. साथ ही सरकार ने कावंड़ यात्रा को भी स्थगित कर दिया. कोरोना की तीसरी लहर की संभवना विशेषज्ञों की ओर से जताई जा चुकी है और ये हिदायद दी गई है कि लोग एक जगह जमा ना हो और भीड़ ना लगाएं.