टूरिस्ट वीज़ा पर सऊदी अरब जाने वाले लोग हज के समय में हज और उमरा नहीं कर पाएंगे. हज और उमरा मंत्रालय ने कहा कि टूरिस्ट वीज़ा रखने वाले लोगों को अब हज के समय में हज और उमरा करने की अनुमति नहीं होगी.
90 दिनों की टूरिस्ट वीज़ा रखने वाले लोगों को सिर्फ़ उमरा करने की अनुमति होती है लेकिन हज की अवधि में वे ऐसा नहीं कर पाएंगे. मंत्रालय ने पर्यटकों से कहा है कि वे नियमों का पालन करें और वीज़ा ख़त्म होते ही यहां से चले जाएं.
वहीं सऊदी अरब ने सोमवार को यह नियम भी बनाया कि मक्का में दाखिल होने के लिए वाहन और व्यक्ति दोनों को परमिट की ज़रूरत होगी. मक्का में 26 जून से हज यात्रा शुरू होने की संभावना है. यह तारीख़ बदल भी सकती है क्योंकि अभी आधिकारिक तौर पर घोषणा नहीं हुई है.
किन-किन देशों से लोग मक्का आते हैं?
सऊदी अरब हर देश के हिसाब से हज का कोटा तैयार करता है. इंडोनेशिया का कोटा सबसे ज्यादा है. इसके बाद पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश, नाइजीरिया का नंबर आता है. इसके अलावा ईरान, तुर्की, मिस्त्र, इथियोपिया समेत कई देशों से हज यात्री आते हैं.
उमरा क्या है?
मक्का पहुंचकर मुसलमान सबसे पहले उमरा करते हैं. उमरा एक छोटी धार्मिक प्रक्रिया है. हज एक विशेष महीने में किया जाता है लेकिन उमरा साल में कभी भी किया जा सकता है. जो लोग भी हज पर जाते हैं वो आमतौर पर उमरा भी करते हैं, हालाकि ये अनिवार्य नहीं है.
कोविड महामारी के पहले सऊदी अरब को हज से हर साल 30 अरब डॉलर का राजस्व हासिल होता था. 2022 में हज से सऊदी अरब में एक लाख नई नौकरियाँ पैदा हुई थीं.