बेचारे राइट विंग के जमूरों का दर्द ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जिस दो रुपल्ली की कमाई से वो एक वक्त ब्रेड और सैंडविच खा लेते थे पता चला है कि उस ब्रेड इंडस्ट्री का सबसे बड़ा नाम भी मुसलमान ही निकला!
जी हाँ ब्रेड के मामले में देश का सबसे बड़ा ब्रांड "Harvest Gold" की मालकिन दिल्ली की एक मुस्लिम बिजनेसवोमेन "ताब सिद्दीक़ी" हैं। इस ब्रांड की स्थापना उन्होंने अपने पति IIT दिल्ली से पास आउट आदिल हसन के साथ मिल कर 1993 में की थी।
सुबह के नाश्ते से लोगों के दिलों पर राज करने वाले ताब सिद्दीकी के इस ब्रांड ने ब्रिटानिया और मॉडर्न ब्रेड के प्रभुत्व वाले इस बाजार में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। अब ये बेचारे दक्षिणपंथी नमूने अपनी प्लेट से इस ब्रेड को भी उठा कर फेंकते हुए जोर जोर से बॉयकॉट चिलायेंगे।
सोचिये न जहां एक तरफ पूरा एक प्रोपोगंडा नेटवर्क भारतीय समाज में ये बात प्रचलित करने में व्यस्त है कि मुसलमानों के यहां औरतों को दबाया जाता है, कुछ करने की आज़ादी नहीं है, खास तौर पर बिजनेस तो बिलकुल भी नहीं, उनके लिए ताब सिद्दीक़ी की ये कहानी एक जोरदार तमाचा है।
एक इंटरव्यू में "Harvest Gold" की मालकिन ताब सिद्दीक़ी ने खुद कहा था कि "मेरी सबसे बड़ी ताकत मेरे ससुराल वालें हैं। मेरे हर फैसले में मेरे पति और मेरे ससुराल ने भरपूर साथ दिया है। उन्होंने कभी भी मेरे फैसलों पर सवालिया निशान नहीं खड़ा किया है। यही वजह रही है कि अपनी पूरी पूंजी इस कारोबार में लगाने के बाद हमारे पास केवल कामयाब होने के कोई दूसरा विकल्प था ही नहीं."
एक मामूली पृष्ठभूमि से होने के बावजूद ताब सिद्दीक़ी और आदिल हसन की ये कंपनी आज के समय में 1400 करोड़ से ज्यादा का टर्न ओवर जेनेरेट करती है। अगर सच पूछे तो ताब सिद्दीक़ी की सफलता की कहानी केवल मुसलमानों के लिए नहीं भारत की हर उस महिला के लिए मिसाल है जो कारोबार के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करना चाहती है।
अलीगढ़ वाले ताब सिद्दीक़ी की इस कामयाबी से खुद को जोड़ कर गौरवान्वित महसूस करते हैं। जिस अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को ये राइट विंग जमूरे दिन रात टारगेट करते हैं उसी AMU से MBA कर चुकी ताब सिद्दीक़ी ने अपना एक बड़ा प्रोडक्शन यूनिट राजस्थान के भिवाड़ी में स्थापित किया है। इस की विश्व स्तरीय सुविधाओं के साथ सबसे अच्छे ब्रेड ब्रांड "Harvest Gold" बनने की कहानी को डिस्कवरी चैनल - द ग्रेट इंडियन फैक्ट्री सीरीज़ में भी दिखाया गया था।
ताब सिद्दीक़ी की इस कंपनी में 3000 कर्मचारी तो सीधे तौर पर काम करते है इसके साथ ही लाखों की गिनती में दुकानदारों का वो नेटवर्क भी इस जुड़ा हुआ है जिनका छोटा मोटा बिजनेस इसी ब्रेड इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ है। कई हजार परिवारों के घरों का चूल्हा
आज एक मुस्लिम स्वामित्व वाली कंपनी की वजह से चलता है।
खैर मुसलमानों की पंचर वाली इमेज के साथ मानसिक रोगी बन चुके राइट विंग के नमूनों आराम से सुबह में दुकान से "Harvest Gold" की ब्रेड लाना और मक्खन जैम लगा कर खाना मजा ही आ जायेगा।