अनिल सिंहा
प्रशांत किशोर ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की रणनीति बनायी थी. वह अब उन्हें आजीवन प्रधानमंत्री बनाने की रणनीति बना रहे हैं. यह है असली स्वामिभक्ति.
वह इस पर बात नहीं करते कि मोदी को हटाना क्यों जरूरी है.वह यह नहीं कहते कि मोदी देश का नेतृत्व करने लायक नहीं हैं.
वह यही साबित करने में लगे है कि कांग्रेस का नेतृत्व अक्षम है. वह मोदी के पक्ष में आंकड़े बना रहे हैं और फैला रहे हैं कि पिछले एक दशक से कांग्रेस 90 प्रतिशत चुनाव हारी है.
वह यह क्यों नहीं बताते कि धनबल, ईडी बल, चुनाव आयोग बल, मीडिया बल, शाखा बल और झूठ बल का सहारा लेने के बाद भी मोदी-शाह ने कितने चुनाव हारे हैं.
गिनती तो 2014 से होनी है क्योंकि बकौल कंगना बहन आज़ादी उसी साल मिली है.
इसकी भी जांच होनी चाहिए कि गोवा और मेघालय में कांग्रेस तोड़ने के लिए पैसा कहाँ से आ रहा है.
अब प्रशांत किशोर कब तक कांग्रेस को अक्षम बताकर इस देश की जनता के सामने सही तस्वीर प्रस्तुत करेंगे. आखिर प्रशांत किशोर को समझना बहुत मुश्किल का काम है.
आपको बता दें कि जब बीजेपी के खिलाफ नीतीश कुमार हुए तो प्रशांत किशोर को लगाया गया पंजाब में अमरिंदर सिंह भी इसी का उदाहरण है. ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर के कहने पर कांग्रेस से गठबंधन नहीं किया जबकि अब वो कांग्रेस का विकल्प बनकर पूरे देश में घुम रही है.