चोरों के खिलाफ कार्रवाई की 'गारंटी' और तीसरे कार्यकाल का सपना
तृणमूल सांसद, साकेत गोखले के ट्वीट के आधार पर।
मार्च 2023 में, इंटरपोल ने पंजाब नेशनल बैंक के 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोपी मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड-कॉर्नर नोटिस को आधिकारिक तौर पर हटा दिया था। इस समय वह भारत के विलफुल डिफॉल्टर की सूची में सबसे ऊपर है।
इस (नोटिस वापस लिये जाने) का प्रभावी अर्थ यह हुआ कि मेहुल चोकसी भारत को छोड़कर दुनिया में कहीं भी यात्रा करने के लिए स्वतंत्र है। (ऐसा उसे जबरन वापस लाने की कोशिश में जेट भेजे जाने के बाद हुआ है।) तब सीबीआई ने कहा था कि वह इस निष्कासन के खिलाफ इंटरपोल में अपील करेगी।
छह महीने हो गए हैं और इसपर मोदी सरकार तथा सीबीआई वैसे ही चुप है जैसा उस समय अनुमान था। कथित अपील पर कोई प्रगति या अद्यतन सूचना नहीं है। स्पष्ट रूप से, भाजपा के लिए सीबीआई पूरी तरह से निजी माफिया की तरह है जिससे विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है। और सीबीआई के ही अधिकारी को बचाने के लिए आधी रात की कार्रवाई की जा चुकी है।
मोदी सरकार राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ सीबीआई लगाती है, लेकिन देश को 14,000 करोड़ रुपये का चूना लगाने वाले मेहुल चोकसी को कानून से बचाने के लिए भी सीबीआई पर नियंत्रण करके स्पष्ट रूप से खुश है। मेहुल चोकसी भागा कैसे (और पहले कोई) भाग क्यों नहीं पाता था उसकी कहानी अलग है।
तृणमूल सांसद, साकेत गोखले के ट्वीट के आधार पर।