गरीबों को मारने की बजाय भ्रष्टाचारियों पर चलाएं बुलडोजर, जहांगीरपुरी कार्रवाई के बाद मायावती का केंद्र सरकार पर हमला
बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा नेताओं और केंद्र सरकार को बड़ी नसीहत दी है।
दिल्ली के जहांगीरपुरी में गरीबों के आशियाने पर बुलडोजर ( Bulldozer ) चलाने के बाद से देशभर में मचे सियासी संग्राम के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ( BSP supremo Mayawati ) ने भाजपा नेताओं और केंद्र सरकार को बड़ी नसीहत दी है। उन्होंने मोदी सरकार ( Modi Government ) पर निशाना साधते हुए कहा कि अवैध निर्माण की आड़ में गरीबों को मारने की बजाय उन भ्रष्टाचारियों ( Corrupt ) के खिलाफ बुलडोजर चलाएं, जो इसके लिए जिम्मेदार हैं।
गुरुवार को मायावती ( Mayawati ) ने एक के बाद एक ट्विट में कहा है कि केवल दिल्ली या यूपी में ही नहीं, देश के अन्य राज्यों में भी अवैध निर्माण की आड़ में बुलडोजर ( Bulldozer ) चलाये जा रहे हैं। बुलडोजर की मार से गरीब लोग प्रभावित हो रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों को चाहिए कि बुलडोजर उन अधिकारियों के विरुद्ध चलाएं जिनके भ्रष्टाचार की वजह से ही अवैध निर्माण हो रहे हैं।
मायावती ( Mayawati ) ने अपने ट्विट में कहा है कि देश में जहां भी दंगे व हिंसा होती है तो वहां कार्रवाई के नाम पर तत्काल बुलडोजर ( Bulldozer ) चलाये जा रहे हैं। इसमें गरीब लोग पिस रहे हैं। यह उचित नहीं है। अवैध निर्माण के पीछे जो मूल दोषी हैं उनके विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिये।
अवैध निर्माण के खिलाफ बलडोजर की कार्रवाई में धर्म का इस्तेमाल न करें। अगर इसका इस्तेमाल करना है तो इससे देश में आपसी सद्भाव खत्म होगा। इसका देश विरोधी ताकतें भी गलत फायदा उठा सकती हैं। इस मामले में भी सरकारों को जरूर सोचना चाहिये।
ताजा ट्विट में मायावती ( Mayawati ) ने इस बात का भी जिक्र किया है कि बसपा के कार्यकाल में मंत्री रहे नकुल दुबे को पार्टी में अनुशासन-हीनता अपनाने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के कारण बीएसपी से निष्कासित कर दिया गया है।
बता दें कि 16 अप्रैल को जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान भड़की हिंसा के बाद से तनाव चरम पर है। बुधवार को एनडीएमसी की बुलडोजर वाली कार्रवाई के बाद से विपक्षी पार्टियों केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर रुख अख्तियार कर लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बुलडोजर वाली कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई होनी है। दूसरी तरफ जेएनयू और जामिया के छात्र भी प्रदर्शन करेंगे।