मायावती के बयान से कांग्रेस में हड़कंप, CM गहलोत पर लगाए ये आरोप, राष्ट्रपति शासन की उठाई मांग

गहलोत ने पहले बसपा के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब फोन टेपिंग कराकर असंवैधानिक काम किया है।

Update: 2020-07-18 07:38 GMT

नई दिल्ली : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मायावती ने शनिवार को राजस्‍थान में राष्‍ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। मायावती ने राजस्‍थान में चल रही सियासी उठापठक के बीच मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्‍यपाल कलराज मिश्र को राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए। उन्‍होंने आरोप लगाया कि गहलोत ने पहले बसपा के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब फोन टेपिंग कराकर असंवैधानिक काम किया है।

मायावती ने ट्वीट कर कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बीएसपी के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टेप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है।

बसपा प्रमुख मायावतीने कहा कि इस प्रकार राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठा-पठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो।


वसंधुरा राजे के करीबी विधायक ने उठाए सवाल

भारतीय जनता पार्टी के विधायक कैलाश मेघवाल जो वसुंधरा राजे के बहुत करीबी नेता माने जाते हैं, ने राजस्‍थान की मौजूदा परि‍स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी चाल, चरित्र, नैतिकता वाली पार्टी है इसलिए उसे विधायकों की खरीद-फरोख्‍त जैसे कृत में संलिप्‍त नहीं होना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि चुनी हुई सरकार को गिराना और विधायकों को खरीद कर अपनी सरकार बनाने जैसे कृत निंदनीय है। राजनीति के इस स्‍तर को सुधारने का भी अब वक्‍त आ गया है।

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