राहुल गांधी ने अब भारत माता को लेकर बोली बड़ी बात!
देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों की लिस्ट निकालो। 100-200 सबसे बड़े उद्योगपतियों की लिस्ट निकालो। उसमें से मुझे एक पिछड़े वर्ग का, एक दलित, एक आदिवासी दिखा दो, भाषण बंद कर दूंगा।
कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी ने राजस्थान के धौलपुर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आपने देखा होगा हमारी मीटिंग के पहले, कभी-कभी बीजेपी की मीटिंग में ‘भारत माता की जय’ की जाती है। देखा आपने? जैसे अगर मैं बोलू, भारत माता की (श्री राहुल गांधी ने कहा) (जनसभा ने कहा -जय), भारत माता की (राहुल गांधी ने कहा) (जनसभा ने कहा -जय), भारत माता की (श्री राहुल गांधी ने कहा) (जनसभा ने कहा -जय), तो सब लोग भारत माता की जय करते हैं। मगर ये भारत माता जो है, ये है क्या? ये भारत की जनता है। जब हम भारत माता की जय करते हैं, तो हम भारत माता की जनता की जय करते हैं। आपके माता-पिता, उनके माता-पिता, हम सबकी जय करते हैं। सही बात। तो भारत माता में आज सबसे बड़ा सवाल है कि सोने की चिड़िया में किसकी कितनी भागीदारी है। सोने की चिड़िया धन पैदा करती है।
सवाल ये है कि आज इस देश में धन को कैसे बांटा जा रहा है? किसके हाथ जा रहा है, क्या सचमुच में हिंदुस्तान का धन भारत माता की जनता के हाथ में जा रहा है या फिर भारत माता का धन चुने हुए लोगों के हाथ में जा रहा है? ये सबसे बड़ा सवाल है।
अब हर भाषण में नरेंद्र मोदी जी कहते थे कि भाईयो और बहनो, मैं ओबीसी वर्ग का हूं। आपने सुना, हाँ। नरेंद्र मोदी जी को कहते हुआ सुना आपने कि मैं ओबीसी का हूं, ओबीसी का हूं, सुना है आपने, हाँ या ना (श्री राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा) (जनसभा ने कहा - हाँ सुना है)। सुना है। ओबीसी की हिंदुस्तान में क्या आबादी है, कोई बता सकता है? कितने हैं हिंदुस्तान में ओबीसी? (श्री राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा) (जनसभा ने कहा - नहीं बता सकते) देखिए, कोई बता नहीं सकता। किसी को नहीं मालूम कि पिछड़ों की आज हिंदुस्तान में क्या आबादी है, किसी को नहीं मालूम। तो मैंने पार्लियामेंट में कहा कि हम भारत माता की जय करते हैं, मगर भारत माता में किसकी कितनी आबादी है, ये किसी को नहीं मालूम।
तो मैंने पार्लियामेंट हाउस में जाति जनगणना की मांग की। मैंने कहा कि अगर हमें सचमुच में लोगों को भागीदारी देनी है, दलितों को, आदिवासियों को, गरीब, जनरल कास्ट के लोगों को भागीदारी देनी है, तो सबसे पहला कदम जाति जनगणना का है। जिस दिन मैंने ये भाषण किया, पार्लियामेंट में जिस दिन मैंने ये बात बोली, उस दिन के बाद नरेंद्र मोदी जी के भाषण बदल गए। पहले कहते थे मैं ओबीसी हूं। जब मैंने ओबीसी की आबादी का सवाल उठाया, उसके बाद से नरेंद्र मोदी जी कहते हैं, भाईयो और बहनो, हिंदुस्तान में सिर्फ एक जाति है, वो है - गरीब। वोट लेने के लिए नरेंद्र मोदी जी ओबीसी, मगर जब ओबीसी को भागीदारी देने का सवाल आया, उनकी सच्ची शक्ति, उनकी आबादी का पता लगाने की बात आई, तो नरेंद्र मोदी कहते हैं, देश में ओबीसी है ही नहीं, दलित है ही नहीं, आदिवासी है ही नहीं, जनरल है ही नहीं, सिर्फ एक जाति है, वो है- गरीब।
भाईयो और बहनो, जाति जनगणना से क्या होगा, मैं आपको बताता हूं। हिंदुस्तान को एमपी, एमएलए नहीं चलाते हैं। अगर आप सोचते हैं कि हिंदुस्तान को एमपी और एमएलए चलाते हैं, गलतफहमी में हैं। किसी भी बच्चे से पूछ लो। दस साल के बच्चे से पूछ लो, क्या करना चाहते हो? सारे के सारे कहते हैं हम आईएएस में जाना चाहते हैं। फिर उससे पूछो क्यों जाना चाहते हैं? कहते हैं आईएएस ऑफिसर देश को चलाते हैं। 90 ऑफिसर हिंदुस्तान की सरकार को चलाते हैं। सेक्रेटरी टू गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, कैबिनेट सेक्रेटरी, ये 90 लोग नरेंद्र मोदी जी के साथ मिलकर देश को चलाते हैं। बजट का पैसा कहाँ जाएगा - स्वास्थ्य में जाएगा, शिक्षा में जाएगा, देश की रक्षा में जाएगा, सारे के सारे निर्णय ये 90 लोग लेते हैं। राजस्थान की सरकार को कितना मिलेगा, जीएसटी कितनी लगेगी, सारे के सारे निर्णय ये 90 लोग लेते हैं।
मैंने पार्लियामेंट में सवाल पूछा कि अगर आप कहते हैं कि पिछड़ों की भागीदारी है, तो मुझे ये बता दो कि 90 में से पिछड़े वर्ग के कितने आईएएस ऑफिसर हैं? बीजेपी ने जवाब नहीं दिया, नरेंद्र मोदी जी ने जवाब नहीं दिया। मैं आपको बताता हूं- पिछड़ों की आबादी 50 प्रतिशत और 90 में से तीन ऑफिसर पिछड़े वर्ग के हैं। एक ऑफिसर आदिवासी, तीन ऑफिसर दलित और अगर हिंदुस्तान की सरकार 100 रुपए खर्च करती है, तो पिछड़े वर्ग के ऑफिसर पांच रुपए का निर्णय लेते हैं। मतलब, आज पिछड़ों की आबादी तकरीबन 50 प्रतिशत है और पिछड़ों की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से कम है और फिर नरेंद्र मोदी जी आपसे कहते हैं- भईया, पिछड़ों की सरकार चल रही है। कौन सी पिछड़ों की सरकार? अगर पिछड़ों की सरकार होती, तो कम से कम 45 ऑफिसर, 90 में से 45 मतलब 50 प्रतिशत ओबीसी वर्ग के होते। ये हिंदुस्तान के सामने सबसे बड़ा सवाल है।
थोड़ा सा मैं इनकी योजनाओं के बारे में कह देता हूं। फसल बीमा योजना देखिए, 35 हजार करोड़ रुपए फसल बीमा योजना में जाता है। कहाँ से आता है, जीएसटी से आता है। आपने ये गुलाबी शर्ट पहनी हुई है। जितनी जीएसटी आपने इस शर्ट के लिए दी, उतनी ही जीएसटी अडानी इस शर्ट के लिए देगा। अगर आप एक लीटर पेट्रोल खरीदते हैं, जितना पैसा आप टैक्स में एक लीटर पेट्रोल के लिए देंगे, यहाँ गरीब से गरीब व्यक्ति, जितना आप देंगे, उतना ही पैसा अडानी की जेब से निकलेगा। तो जीएसटी कहाँ से आती है? जीएसटी गरीब, जनरल कास्ट के लोगों से आती है, ओबीसी वर्ग के लोगों से आती है, दलितों की जेब से आती है, आदिवासियों की जेब से आती है। तो आपकी जेब में से पैसा निकाला 35 हजार करोड़ रुपया। 20 हजार करोड़ रुपए दिल्ली की सरकार ने रखा, दस हजार करोड़ रुपए स्टेट की सरकार डालती है और पांच हजार करोड़ रुपए हमारा किसान डालता है। हो गए 35 हजार करोड़ रुपए। नरेंद्र मोदी जी ने 35 हजार करोड़ रुपए जीएसटी का पैसा, आपका पैसा, आपकी जेब का पैसा 16 कंपनियों को पकड़ा दिया। 16 कंपनियों में मैंने चेक किया, आपको ओबीसी वर्ग का एक व्यक्ति नहीं मिलेगा। एक दलित नहीं मिलेगा, एक आदिवासी नहीं मिलेगा। गरीब, जनरल कास्ट का एक व्यक्ति नहीं मिलेगा।
जब किसान का खेत बर्बाद होता है, फसल बीमा योजना में किसान फोन लगाता है। किसको लगाता है, उन्हीं 16 कंपनियों को ईमेल डालता है। पैसा किसका- किसान का, इस भीड़ का, पिछड़ों का। कंपनी वाले उससे कहते हैं भईया, आपके खेत में तो नुकसान ही नहीं हुआ। आपको हम बीमा का पैसा नहीं देंगे। तो हुआ क्या, आपकी जेब में से पैसा निकला, गरीबों की जेब में से पैसा निकला। नरेंद्र मोदी जी ने उस पैसे को 16 कंपनियों वालों को दे दिया और जब आपको उस पैसे की जरूरत पड़ी, कंपनी वाले कहते हैं भईया, आपको तो नहीं देंगे।
दूसरी योजना, अग्निवीर योजना, पहले क्या होता था- पहले सुबह युवा उठते थे, हर वर्ग के युवा उठते थे - दलित, पिछड़े, आदिवासी लोग, ओबीसी, पिछड़े लोग, गरीब जनरल कास्ट के लोग। सुबह दौड़ते थे, वर्जिश करते थे, सेना में भर्ती होते थे।
हिंदुस्तान की सरकार भारत माता (भारत की जनता) को गारंटी करती थी। कहती थी कि अगर आपने टेस्ट पास कर लिया, तो हम आपकी देखभाल करेंगे। अगर आप शहीद हुए, आपके परिवार की रक्षा होगी। गांव में आपकी इज्जत बनेगी और क्योंकि आपने हिंदुस्तान की रक्षा की, तो जिंदगी भर हम आपकी रक्षा करेंगे। ये पहले कहा जाता था। अब नरेंद्र मोदी जी ने क्या किया, अग्निवीर योजना। सबसे पहले युवाओं से कहते हैं- देखो, तुम्हें हम चार साल के लिए लेंगे। अगर तुम शहीद हो गए, तो हमारी गलती नहीं, तुम जानो, तुम्हारा काम जाने। जितना पैसा पहले सेना की रक्षा करने में जाता था, जवान की रक्षा करने में जाता था, ऑफिसरों की रक्षा करने में जाता था, उतना ही पैसा नरेंद्र मोदी जी ने अडानी जी को दे दिया। तो अग्निवीर क्यों हुआ- क्योंकि नरेंद्र मोदी जी ने आपका जीएसटी का पैसा आपकी जेब से निकाल कर सीधा अडानी जी की जेब में डाल दिया और लाखों युवा, जो चार बजे सुबह उठते हैं, देश की रक्षा करना चाहते हैं, उनका सपना खत्म कर दिया, उनका दिल तोड़ दिया।
देखिए, भाईयो और बहनो, जेबकतरे सबसे पहले क्या करते हैं? सबसे पहले तीन लोग आते हैं, अकेला नहीं आता। सबसे पहले क्या होता है, एक बंदा सामने आता है, आपके ध्यान को इधर-उधर करता है, है ना? उल्टी-सीधी बात बोल देगा। पीछे से एक और बंदा आता है, वो जेब काट देता है, सही और तीसरा बंदा देखता है कि अगर जिसकी जेब कटी, अगर इसने कोई आवाज की, तो उस पर आक्रमण कर दें, उसको डरा दें। ऐसे जेब काटी जाती है। ध्यान इधर-उधर करने वाला नरेंद्र मोदी, जेब काटने वाला अडानी और बाद में लाठी मारने वाला अमित शाह, सीधी सी बात है।
आप पैसा भर रहे हैं, यहाँ मुझे बता दो जीएसटी से किसको फायदा हुआ? यहाँ कोई है जो कह सकता है कि हाँ, भईया मुझे जीएसटी से बहुत फायदा हुआ। हो ही नहीं सकता, क्योंकि जितना पैसा आप डाल रहे हैं, उतना अडानी डाल रहा है। आप सोच रहे हैं कि मैंने पेट्रोल अपनी टंकी में भरा। हो क्या रहा है, आप आधा पैसा टंकी में भर रहे हैं, आधे पैसे का पेट्रोल भर रहे हैं और सीधा उधर से पाइप से जा रहा है अडानी की जेब में। आप बिजली का स्विच ऑन करते हैं। आप सोचते हैं- हाँ भईया, मैंने बिजली का स्विच ऑन किया, पंखा चलता है और उधर से थोड़ा सा पैसा सीधा अडानी जी की जेब में जाता है।
अब कांग्रेस पार्टी की स्कीम देखिए। सात गारंटी हैं। आप मुझे बता तो, इनमें से अडानी की जेब में कितना पैसा जा रहा है, कहाँ जा रहा है। सबसे पहले इस भीड़ में जो भी बीमार होता है, चाहे कैंसर हो जाए, दिल का दौरा पड़ जाए, हड्डी टूट जाए, सब लोगों का 25 लाख रुपए तक हम फ्री इलाज कराते हैं। 25 लाख तक राजस्थान में फ्री में इलाज होता है, सही। चुनाव के बाद वो 50 लाख हो जाएगा। आप सोचिए, 50 लाख रुपए का इलाज राजस्थान के हर व्यक्ति के लिए कांग्रेस पार्टी की सरकार करती है। इसमें से एक रुपया अडानी जी की जेब में नहीं जाता।
नरेंद्र मोदी जी कहते थे, यूपीए के समय कहते थे, भाईयो और बहनो, 400 रुपए का सिलेंडर हो गया। आज कितने का है - 1200 रुपए का है। 1200 रुपए का सिलेंडर हो गया, नरेंद्र मोदी जी एक शब्द नहीं कहते।......voice break..चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी सबके सिलेंडर 400 रुपए का कर देगी। अडानी की जेब में कितना पैसा गया - जीरो। स्वास्थ्य योजना में - जीरो। हर घर की एक महिला के बैंक अकाउंट में कांग्रेस पार्टी सीधा साल के दस हजार रुपए डाल देगी। अडानी को कितना पैसा गया - जीरो।
नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यहाँ की जो कैनाल है, उसको मैं नेशनल प्रोजेक्ट बनाऊंगा, चुनाव में कहा था। बन गया नेशनल प्रोजेक्ट ( राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा) (जनसभा ने कहा - नहीं)। पैसा किसने दिया, कांग्रेस पार्टी ने दिया। तो आप देखिए, जो भी हम करते हैं, हम गरीब जनता के लिए करते हैं। चाहे स्वास्थ्य योजना हो, मनरेगा हो, भोजन का अधिकार हो, यहाँ कैनाल हो। सारा का सारा काम हम गरीब जनता के लिए करते हैं और वो पूरा का पूरा काम दो-तीन बड़े उद्योगपतियों के लिए करते रहते हैं। आपको निर्णय लेना है। आप अडानी की सरकार चाहते हैं, बीजेपी की सरकार चाहते हैं या आम जनता की, किसानों की, मजदूरों की, छोटे दुकानदारों की, राजस्थान के युवाओं की सरकार चाहते हैं? अगर आपने बीजेपी चुनी, तो मैं आपको एक बात बता देता हूं - ना आपकी कैनाल बनेगी, ना आपको स्वास्थ्य का पैसा मिलेगा, ना आपको 500 रुपए का सिलेंडर मिलेगा, ना महिलाओं के बैंक अकाउंट में दस हजार रुपए जाएगा। अंग्रेजी स्कूल जो हमने खोले हैं, सारे के सारे बंद हो जाएंगे।
बीजेपी के नेता हर भाषण में कहते हैं, हिंदी सीखो, अंग्रेजी मत सीखो। आप उनके बच्चों से पूछो, अमित शाह से पूछो कि भईया, बताओ, आप हमें कहते हैं कि हमें अंग्रेजी नहीं सीखनी चाहिए, आपके बच्चे किस स्कूल में पढ़ते हैं? सारे के सारे आपको बताएंगे कि हमारे बच्चे तो इंग्लिश मीडियम में पढ़ते हैं। आपके बच्चे सिर्फ हिंदी पढ़ें, उनके बच्चे अंग्रेजी पढ़ें, क्यों? क्योंकि वो नहीं चाहते कि सबसे अच्छी नौकरियां आप लोग ले जाओ। मैं ये नहीं कह रहा कि हिंदी नहीं पढ़नी, जितनी हिंदी पढ़नी है पढ़ो। युवाओं से कह रहा हूं, जितनी हिंदी पढ़नी है पढ़ो। मगर एक बात याद रखो, राजस्थान में, मध्य प्रदेश में, दिल्ली में काम करना है, हिंदी चलेगी, वहाँ पर किसी से बात करनी है, हिंदी चलेगी। मगर कॉल सेंटर में काम करना हो, इंटरनेट का काम करना हो, किसी बड़ी कंपनी में काम करना हो, विदेशी टूरिस्ट से बात करनी हो, हिंदी नहीं चलेगी, अंग्रेजी की जरूरत है। सीधी सी बात है। .
तो मेरा कहना है कि किसान के बेटों को, बेटियों को, मजदूर के बच्चों को, छोटे दुकानदार के बच्चों को बड़े से बड़ा सपना देखना चाहिए। आप पायलट बनना चाहते हैं, यहाँ से अमेरिका हवाई जहाज में जाना चाहते हैं, सपना पूरा होना चाहिए। ये चाहते हैं कि दो हिंदुस्तान बनें। अपने भाषणों में वो कहते हैं, भारत माता की जय। मैंने शुरुआत में कहा, भारत माता हैं कौन - भारत माता किसान हैं, भारत माता मजदूर हैं, भारत माता युवा हैं, हमारी माताएं-बहनें हैं, पिछड़े वर्ग के लोग हैं, गरीब जनरल कास्ट के लोग हैं, दलित हैं, आदिवासी हैं। आप भारत माता की जय करते रहते हैं और फिर अडानी के लिए काम करते हैं।
हम जाति जनगणना की बात करते हैं, आप देश को कहते हैं कि भईया, देश में तो जाति ही नहीं है। एक ही जाति है वो है - गरीब। मैंने मन बना लिया है और मैं नरेंद्र मोदी नहीं हूं कि मैं आपको 15 लाख रुपए वाला झूठा वायदा करूं, मुझे नहीं फर्क पड़ता। वो अडानी जी की जय करते हैं, मैं भारत माता की जय करता हूं। मेरे लिए भारत माता कौन हैं, मैं बता देता हूं - मेरे लिए भारत माता हिंदुस्तान के गरीब लोग, हिंदुस्तान के पिछड़े वर्ग के लोग, दलित, आदिवासी, युवा, छोटे दुकानदार, मेरे लिए ये भारत माता हैं और मैंने मन बना लिया है कि राजस्थान में हमारी सरकार आएगी, पहला काम राजस्थान में जाति जनगणना करने का होगा और जैसे ही दिल्ली में हमारी सरकार आएगी, बीजेपी को अच्छा लगे, ना लगे, जैसे ही हमारी सरकार आएगी, आप लिख लो, जैसे ही सरकार आएगी, पूरे देश में कांग्रेस पार्टी जाति जनगणना करवा देगी और जितनी भागीदारी पिछड़ों की होनी चाहिए, दलितों की होनी चाहिए, आदिवासियों की होनी चाहिए, गरीब जनरल कास्ट के लोगों की होनी चाहिए, जाति जनगणना के बाद हम उस पर एक्शन ले पाएंगे। उससे पहले किसी को मालूम ही नहीं।
मैंने यहाँ आपसे सवाल पूछा, देश में पिछड़े लोग कितने हैं, आप जवाब नहीं दे पा रहे हैं। आप अपनी शक्ति नहीं समझते। पिछड़े लोग 50 प्रतिशत हैं। मैं आपसे पूछ रहा हूं कि भईया, देश में आपकी शक्ति कितनी, आप बता ही नहीं पा रहे। चुप बैठे हैं आप। तो पहला कदम, आपको अपनी शक्ति के बारे में मालूम होना पड़ेगा। आपको पता होना पड़ेगा कि भईया, मैं पिछड़े वर्ग का हूं, देश में 50 प्रतिशत आबादी मेरी है। इसका मतलब, कम से कम देश में 50 प्रतिशत भागीदारी मेरी होनी चाहिए।
देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों की लिस्ट निकालो। 100-200 सबसे बड़े उद्योगपतियों की लिस्ट निकालो। उसमें से मुझे एक पिछड़े वर्ग का, एक दलित, एक आदिवासी दिखा दो, भाषण बंद कर दूंगा। एक नहीं है उसमें। सबसे बड़ी कंपनी अडानी की कंपनी ले लो। अडानी की कंपनी में आपको एक ओबीसी का बंदा नहीं मिलेगा, एक दलित नहीं मिलेगा, एक आदिवासी नहीं मिलेगा, सारे के सारे एयरपोर्ट उसके, सड़कें उसकी, कोयला उसका, खेत का स्टोरेज उसका। 50 प्रतिशत आबादी आपकी और उसमें आपका एक आदमी नहीं और पूरा ड्रामा चल रहा है। नरेंद्र मोदी जी उसके लिए काम करते हैं और मैंने शुरुआत में कहा, प्रेस के हमारे मित्रों, मगर ये हमारे मित्र नहीं हैं, ये अडानी के मित्र हैं। तो होता क्या है, नरेंद्र मोदी जी का काम आपका ध्यान इधर-उधर करने का है। मीडिया का काम 24 घंटे आपके ध्यान को इधर-उधर करने का है। कभी आपने मीडिया में किसी गरीब किसान को बोलते हुए देखा है कभी (श्री राहुल गांधी ने जनसभा से पूछा) (जनसभा ने कहा - नहीं)। कभी आपने किसी मजदूर को बोलते हुए देखा है कि भईया, मैं तो मर रहा हूं, सोशल मीडिया में दिख सकता है, मगर टीवी पर आपको नहीं दिख सकता है। मंडी के सामने भूखे मर जाएं, टीवी पर नहीं आएंगे। टीवी पर आपको ऐश्वर्या राय दिखेगी, अमिताभ बच्चन दिखेगा, शाहरुख खान दिखेगा, क्रिकेट मैच दिखेगा। मगर जो सचमुच में जो देश की पीड़ा है, देश का जो दर्द है, वो आपको टीवी पर नहीं दिख सकता, क्योंकि टीवी आपका है ही नहीं, टीवी अडानी का है। तो अडानी जी मोदी जी का चेहरा दिखाते हैं और मोदी जी पूरा का पूरा धन अडानी जी को पकड़ा देते हैं और पीछे से लाठी लिए अमित शाह घूमते रहते हैं कि किसी ने कोई सवाल पूछ लिया, तो मैं देखूंगा। तो ये सिस्टम चल रहा है इनका और ये सिस्टम तोड़ना है और ये टूटेगा।
तो ये मैं आपसे कहना चाहता था। राजस्थान में हमारी सरकार ने बहुत बढ़िया काम किया है। गरीबों के लिए काम किया है, किसानों के लिए काम किया है। हमारे कैंडिडेट्स यहाँ हैं, इनका आप पूरा समर्थन कीजिए, भारी बहुमत से इन सबको आप यहाँ जिताइए। आपने इतने प्यार से मेरी बात सुनी। नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान आप लोग खोलते हैं, इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।