राहुल गांधी एक बार फिर मोदी सरकार पर जमकर बरसे,कही ये बड़ी बाते
राहुल गांधी "देशभर में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ प्रदर्शन चल रहा है. मैं उनके प्रदर्शन को पूरी तरह समझता हूं. ये कृषि क़ानून मूल रूप से भारतीय कृषि क्षेत्र की रीढ़ को नष्ट कर देंगे. हमारा कृषि क्षेत्र किसानों की बजाय 2-3 बड़े उद्योगपतियों के हाथ में चला जाएगा."
नई दिल्ली: सांसद राहुल गांधी इन दिनों केरल के दौरे पर है और आज उनके दौरे का दूसरा दिन है.इस दौरान केरल के तिरुवंबाडी में उन्होंने मोदी सरकार पर एक बार फिर जमकर हमला बोला है.उन्होंने किसानों और नोटबंदी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा है.उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार मंडियों को खत्म कर रही है. उन्होंने कहा कि इसका सीधा असर न केवल किसानों पर बल्कि देश के मिडिल क्लास और देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिरता पर पड़ेगा. .
वही उन्होंने कहा, "देशभर में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ प्रदर्शन चल रहा है. मैं उनके प्रदर्शन को पूरी तरह समझता हूं. ये कृषि क़ानून मूल रूप से भारतीय कृषि क्षेत्र की रीढ़ को नष्ट कर देंगे. हमारा कृषि क्षेत्र किसानों की बजाय 2-3 बड़े उद्योगपतियों के हाथ में चला जाएगा."
राहुल गांधी ने आगे कहा, "कृषि हमारे इतिहास, संस्कृति और विरासत का एक आंतरिक हिस्सा है. मैं किसानों और उनकी नवाचार करने की क्षमता में विश्वास करता हूं. लेकिन उनकी बुद्धिमत्ता, साधन संपन्नता, भावना के लिए एक मंच की आवश्यकता होती है. उन्होंने इस देश को बहुत कुछ दिया है."
राहुल गांधी ने नोटबंदी, जीएसटी और तीनों कृषि कानूनों को देश के आर्थिक ढांचे को कमजोर करने वाला करना दिया. उन्होंने कहा, "नोटबंदी, जीएसटी और अब कृषि कानून भारतीय अर्थव्यवस्था के ढांचे को कमजोर करने के लिए तैयार किए गए हैं. इनका परिणाम यह होगा कि भारत अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे पाएगा."
गौरतलब है कि राहुल गांधी के केरल दौरे का आज दूसरा दिन है. इससे पहले सोमवार को वायनाड में उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया और बापू की शिक्षाओं को याद किया. उन्होंने कहा, "अगर महात्मा गांधी ने कहा कि भारत को सहिष्णु देश होना चाहिए तो उन्होंने सहिष्णु तरीके से व्यवहार किया. अगर उन्होंने कहा कि भारत को महिलाओं के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करना चाहिए तो उन्होंने महिलाओं के साथ आदर का व्यवहार किया. अगर गांधी जी ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश होना चाहिए तो उन्होंने धर्मनिरपेक्ष तरीके से व्यवहार किया.''