शिवपाल यादव ने बताया क्यों मिटा ली अखिलेश यादव से दूरी

शिवपाल यादव ने कहा है कि जनता के कहने पर और भारतीय जनता पार्टी को यूपी की सत्ता से हटाने के लिए उन्होंने अखिलेश यादव के साथ मतभेद खत्म किए हैं।

Update: 2022-03-03 12:54 GMT

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में छठे फेज की वोटिंग के बीच प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के प्रमुख शिवपाल यादव ने कहा है कि जनता के कहने पर और भारतीय जनता पार्टी को यूपी की सत्ता से हटाने के लिए उन्होंने अखिलेश यादव के साथ मतभेद खत्म किए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब जनता की बारी है कि बीजेपी को सत्ता से हटाए। वाराणसी में जनसभा को संबोधित करते हुए शिवपाल यादव ने यह भी कहा कि अखिलेश की सरकार में ही यूपी का विकास हुआ।

बता दें कि शिवपाल यादव ने गुरुवार को कहा, ''जब अखिलेश यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे तभी यूपी का विकास हुआ था।'' सपा के साथ गठबंधन करने को लेकर शिवपाल यादव ने कहा, ''दोस्तों जब हम यूपी के दौरे पर निकले थे, उस समय आपने एक ही मांग की की थी, एक हो जाइए, चाचा-भतीजे एक हो जाओ। तभी बीजेपी की सरकार हट सकती है। आपकी बात को मानकर मैं और अखिलेश एक हो गए हैं। अब आपको निर्णय लेना है। 10 मार्च को आपको इस प्रदेश से बीजेपी का सफाया करना है।''

गौरतलब है कि शिवपाल यादव ने 5 साल पहले अखिलेश यादव के साथ मतभेद के बाद अलग पार्टी बना ली थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा की हार का एक कारण परिवार में फूट को भी बताया गया था। इस चुनाव में अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव को साथ चुनाव लड़ने को मना लिया। हालांकि, शिवपाल को छोड़कर उनकी पार्टी को कोई भी सीट नहीं दी गई। इसको लेकर हाल के दिनों में शिवपाल यादव कई बार असंतोष भी जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने अपना दर्द जाहिर करते हुए कहा था कि बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के कहने पर उन्होंने सपा के साथ गठबंधन किया, पार्टी कुर्बान की, लेकिन महज 1 सीट मिली।

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