तो क्या राहुल की लोकसभा सदस्यता समाप्त कर बुरी फंसी बीजेपी!
लोकसभा का मानसून सत्र बीस साल में पहली बार कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी के बिना होगा। लेकिन अब राहुल खुलकर खेल रहे है। मानसून सत्र में वे तेलंगाना में रहेंगे।
अगले कुछ महीनों में मालूम पड़ जाएगा कि राहुल को लोकसभा से निकाल देना सत्तारूढ़ भाजपा को कितना महंगा पड़ेगा। 20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। और 20 साल में यह पहला मौका है जब राहुल संसद में नहीं होंगे। राहुल अब आजाद हैं। आज तेलंगाना जा रहे हैं। कांग्रेस का चुनाव अभियान शुरू करने।
मणिपुर दौरे के बाद राहुल निखरे
इस साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है। कर्नाटक की जीत के बाद कांग्रेस को इनमें बहुत उम्मीद है। अभी मणिपुर दौरे से राहुल और मजबूत नेता बनकर निकले हैं। भाजपा को उनके खिलाफ चलाए जा रहे अपने चरित्र हनन अभियान का रूप बदलना पड़ रहा है। बहुत मेहनत और खर्चे से गढ़ी उनकी पप्पू छवि जनता के दिमाग से निकल गई है।
अब भाजपा को यह कहना पड़ रहा है कि अगर वे प्रधानमंत्री बन गए तो ऐसा हो जाएगा वैसा हो जाएगा। मतलब अब उन्हें 2024 लोकसभा चुनाव में खतरा दिख रहा है। राहुल की यही सफलता है। मीडिया पहली बार ऐसी वोटिंग करवा रहा है कि प्रधानमंत्री कोई सवार नहीं होता है।
कांग्रेस में अब अंतर्विरोध कम होगा
सचिन पायलट एक बड़ा उदाहरण हैं। धरना यात्रा सब करके अब चुप बैठ गए हैं। राहुल अब तेलंगाना के साथ ही बाकी 4 राज्यों के चुनाव में जुट जाएंगे। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की स्थिति अच्छी है। तेलंगाना में आज देखना होगा कि राहुल कितना माहौल बना कर आते हैं।
यह साल राहुल का है।
पहले भारत जोड़ो यात्रा, फिर लोकसभा से निकाला जाना, मकान खाली करवाना, बहुत सफल अमेरिका यात्रा विपक्षी एकता की पटना मीटिंग और अब यह बहुत साहसिक मणिपुर दौरा। और साल का अंत भी ऐसे ही पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के साथ। 2024 में कांग्रेस आत्मविश्वास के साथ प्रवेश करेगी।