गेहूं निर्यात को रोककर किसानों से बदला लेने पर उतारू है केंद्र सरकार - मल्लिकार्जुन खड़ने
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़ने ने मोदी सरकार को पूरी तरह से असंवेदनशील सरकार करार दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़ने ने मोदी सरकार को पूरी तरह से असंवेदनशील सरकार करार दिया है। उन्होंने कहा है किसानों के लाखों मीट्रिक टन गेहूं देश के अलग-अलग बंदरगाहों पर अटे पड़ें हैं, लेकिन केंद्र सरकार की कोई स्पष्ट योजना नहीं होने से महीनों किसान से निर्यात की बाट जोह रहे हैं। दूसरी तरफ किसान परेशान हैं। उन्हें फसल की बर्बादी का डर सता रहा है।
कांग्रेस के कद्दावर नेता मल्लिकार्जुन खड़ने ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा की बात छोड़ए अकेले मध्य प्रदेश की दुकानों से 4 लाख मीट्रिक टन गेहूं बंदरगाहों के बाहर फंसे हैं। 4,000 गेहूं से लदे ट्रक कतार में निर्यात का इंतजार कर रहे हैं। 4 जहाज आधे लदे हुए हैं लेकिन सरकार की ओर से जहाज चलाने का कोई आदेश नहीं है।
मल्लिकार्जुन खड़ने ने कहा कि कोई नहीं जानता कि इसका क्या किया जाए, क्योंकि असंवेदनशील सरकार ने इसके बारे में योजना ही नहीं बनाई थी। मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि नोटबंदी हो या अनियोजित लॉकडाउन, हर मामले में केंद्र सरकार ने अदूरदर्श्तिा का परिचय दिया है। अब गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि उसके पास किसी भी चीज के लिए कोई तय या योजित नीति नहीं है। मोदी सरकार के इन अनियोजित फैसलों ने देश में खलबली मचा दी है। परिणाम यह है कि किसानों के साथ देश की जनता हाहाकार कर रही है। दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था पर भी इसका बुरा असर पड़ा है।
इससे पहले अप्रैल 2022 में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि सभी विपक्षी दलों को भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लोगों को उसके उत्पीड़न से मुक्ति दिलानी चाहिए। पीएम मोदी की गलत नीतियों और महंगाई के चलते लोग बहुत परेशान हैं। किसाना अपनी फसल की बर्बादी के डर से परेशान है। मोदी सरकार किसानों से बदला लेने पर उतारू है। केंद्र सरकार प्रतिशोध की भावना से काम करती है।