मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट शुरू, इनको बनाया जा सकता है मंत्री
चार से छह नए मंत्री बनाए जा सकते है. नितिन गडकरी को वित्त मंत्रालय मिल सकता है
संजय रोकडे
वजीरे आजम नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार की एक लंबे अरसे से जिन नेताओं को आश थी अब वह आश पूरी होने का समय आ गया है। सत्ता के गलियारों में चर्चाएं आम हो चली है कि मंत्रिमंडल का विस्तार राम मंदिर भूमि पूजन के बाद किया जाना था। मोदी को राम मंदिर भूमि पूजन का ही इंतजार था।
अब वे इस मंत्रिमंड़ल का विस्तार बिना समय जाया किए करना चाहते है। सबसे चौकाने वाली बात तो यह सामने आ रही है कि अब वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण से छिन कर नितिन गडकरी को दिए जाने की चर्चा है। इस बात की चर्चा पार्टी के अंदर भी तेजी से हो रही है कि सडक़ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों में भाजपा के कोटे से सिर्फ नितिन गडकरी ही ऐसे हैं जो मंत्रिमंडल के सुरक्षा मामलों (सीसीएस) के सदस्य नहीं है। इसके साथ ही रेलवे, शहरी विकास, ग्रामीण विकास मंत्रालय में फेरबदल की संभावना है जबकि श्रीपद नाइक, अर्जुनराम मेघवाल, अनुराग ठाकुर जैसे राज्यमंत्रियों को प्रमोट किए जाने की चर्चाएं भी चल रही है।
सनद रहे कि यह विस्तार अगस्त माह में ही संपन्न किया जा सकता है, वह भी 15 अगस्त के बाद ही। काबिलेगौर हो कि प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने अनेक मंत्रालयों में हुए कामकाज की समीक्षा रिपोर्ट से प्रधानमंत्री को अवगत भी करा दिया है।
सत्ता सूत्रों की माने तो करीब आधा दर्जन मंत्रियों के प्रभार बदले जा सकते है। चार राज्य-मंत्रियों और दो राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को तरक्की मिल सकती है। चार से छह नए मंत्री बनाए जा सकते है। नए शामिल होने वाले मंत्रियों में बिहार, पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारतीय राज्यों से हो सकते हैं। दक्षिण भारतीय राज्यों को विशेष तरजीह मिल सकती है।
कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा महासचिव अनिल जैन, पश्चिम बंगाल से सांसद एस.एस. अहलूवालिया या अर्जुनसिंह में से एक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
खबरें यह भी आ रही है कि मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही भाजपा संगठन में फेरबदल किया जा सकता है। यह प्रक्रिया एक साथ या दो-चार दिन के अंतराल में संपन्न हो सकती है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की नई टीम में बड़ा फेरबदल होना है।
इसमें सरकार के जिन मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी होगी उन्हे संगठन में जगह मिल सकती है। पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक और निर्णय करने वाली इकाई संसदीय बोर्ड में एक महिला सहित चार लोगों को शामिल किया जाना है।
भाजपा के केन्द्रीय संगठन में बदलाव के साथ बातें ये भी होने लगी है कि क्या मध्यप्रदेश के नेता कैलाश विजयवर्गीय अपना महासचिव का पद बचा पाएंगे या नही।
बहरहाल ये साफ है कि जिन नेताओं की नसीब में सत्ता और संगठन की मलाई हिस्से में आना है अब उनके लिए दिन दूर नही है।