मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटे रिक्त, 2 के लिए भाजपा ने आलाकमान को भेजें 4 नाम, ऐसे बना समीकरण

Update: 2020-03-09 06:38 GMT

भोपाल। मध्य प्रदेश की 3 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव में भाजपा आर-पार के मूड में है। रविवार को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें 2 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया। इसके बाद दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व को बंद लिफाफे में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए 4 उम्मीदवारों के नाम भेजे गए हैं. अब 2 उम्मीदवार कौन होंगे, इसका फैसला भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति करेगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि होली के बाद दोनों नामों की घोषणा हो जाएगी।

विष्णुदत्त शर्मा ने बैठक के बाद मीडिया से बात की। इस दौरान उन्होंने कहा, 'वे जानते हैं कि अभी संख्या बल के हिसाब से भाजपा को एक सीट मिल सकती है। लेकिन, भविष्य में संभावनाओं को देखते हुए पार्टी ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है।' ऐसे में पूरी संभावना है कि प्रदेश में चल रहा सियासी ड्रामा और तेज हो सकता है। समिति ने तय किया कि प्रदेश में रिक्त हो रही तीन सीटों में से भाजपा दो पर चुनाव लड़ेगी।

गौरतलब है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा और पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया का 9 अप्रैल को राज्यसभा में कार्यकाल पूरा हो रहा है. प्रदेश में राज्यसभा की इन तीनों सीटों पर 26 मार्च को चुनाव होना है.कांग्रेस को दूसरी सीट जीतने के लिए 2 तो बीजेपी को 9 विधायकों की जरूरत होगी।

कांग्रेस को दूसरी सीट जीतने के लिए 2 विधायकों की जरूरत होगी, भाजपा को 9

मध्य प्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में इस वक्त 228 सदस्य हैं। 2 विधायकों के निधन के बाद दो सीटें खाली हैं। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 2 प्रत्याशियों को विधानसभा में मौजूदा संख्या बल के हिसाब से 115 विधायकों के मत चाहिए, जिसमें कांग्रेस को निर्दलीय विधायक और मंत्री प्रदीप जायसवाल समेत 2 विधायकों की जरूरत होगी। वहीं, भाजपा को चुनाव में दूसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए अपने विधायकों के अलावा 9 अन्य विधायक के वोटों की आवश्यकता होगी।

प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें

प्रदेश में राज्यसभा की कुल 11 सीटें हैं। वर्तमान में भाजपा के पास 8 और कांग्रेस के पास 3 सीटें हैं। भाजपा के राज्यसभा सदस्य एमजे अकबर, थावरचंद गहलोत, सत्यनारायण जटिया, प्रभात झा, धर्मेंद्र प्रधान, अजय प्रताप सिंह, कैलाश सोनी और संपत्तिया उइके हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों में दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा और राजमणि पटेल शामिल हैं।

ये है राज्यसभा का समीकरण

विधानसभा में विधायकों की संख्या के आधार पर राज्यसभा सीट का निर्धारण होता है।

एक राज्यसभा सीट के लिए 58 विधायकों की आवश्यकता होती है।

मप्र में 2 विधायकों के निधन के बाद खाली हुई सीट के अलावा 228 विधायक हैं।

विधानसभा में कांग्रेस के पास 115 विधायक हैं। (सरकार में मंत्री 1 निर्दलीय भी शामिल)

सरकार को अन्य 3 निर्दलीय विधायक, 2 बसपा और 1 सपा विधायक का भी समर्थन।

कांग्रेस के हिस्से में 115 विधायकों और 6 निर्दलीय के समर्थन से 2 राज्यसभा सीट मिलेंगी।

भाजपा के पास 107 विधायक हैं। वोटिंग में महज एक सीट ही हिस्से में आएगी।

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