प्रधानमंत्री मोदी की अजमेर यात्रा को लेकर अब कांग्रेस भी हुई सक्रिय, सचिन पायलट को लेकर होगा जल्द फैसला
26 मई को दिल्ली में होगी राजस्थान के सियासी मसले पर अहम बैठक, सचिन पायलट पर होगा फोकस।
रमेश शर्मा
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल राजस्थान में विधानसभा के होने वाले अगले चुनावों पर सक्रिय हो गए हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी को लेकर 31 मई को अजमेर आ रहे हैं जिसको लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सहित अन्य वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को हर तरह से ऐतिहासिक बनाने की तैयारियों में जुट गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि अजमेर की विश्राम स्थली में प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को लेकर विधि विधान और वैदिक पूजा के साथ तैयारियां शुरू की गई है।
जिसका सीधा अर्थ निकाला जा सकता है कि भाजपा किसी भी हालत में राजस्थान में सत्ता सीन होना चाहती है। प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के सानिध्य में जिले के देहात और शहर के बड़े नेताओं के अलावा अजमेर सांसद और अजमेर के दोनों भाजपा विधायकों की मौजूदगी में वैदिक रीति नीति से पूजा अर्चना के तुरंत बाद सीपी जोशी ने भाजपा कार्यकारिणी की बैठक भी ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर भाजपा के लगभग डेढ़ लाख कार्यकर्ताओं को यहां संबोधित करेंगे। मोदी की अजमेर यात्रा को लेकर समझा जाता है कि कांग्रेस ने भी राजस्थान में कांग्रेस के दो नेताओं के बीच चल रहे सियासी संग्राम पर ब्रेक लगाने का निर्णय लिया है इसी को लेकर 26 मई को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आमंत्रित की है जिसमें राजस्थान से जुड़े बड़े नेताओं के अलावा राहुल गांधी, मलिकार्जुन खरगे सहित प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह भी भाग लेंगे बताया तो यह जाता है कि आवश्यकता पड़ने पर सोनिया गांधी भी बैठक का नेतृत्व कर सकती है।
समझा जाता है कि इस बैठक का मुख्य एजेंडा अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सामंजस्य बैठाने का होगा! समझा यह भी जाता है कि बैठक में मेन फोकस सचिन पायलट पर होगा जिन्हें पीसीसी चीफ, चुनाव संचालन समिति की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। मगर दूसरा पहलू यह भी है कि यह सब कुछ मुख्यमंत्री गहलोत की सहमति से ही होना संभव हो पाएगा। फिर भी यदि टकराव की स्थिति रही तो कर्नाटक वाला फार्मूला राजस्थान में भी एक बार फिर से लागू किया जा सकता है। जिसका कारण यह है कि जिस तरह से डीके शिवकुमार को वहां उपमुख्यमंत्री बनाया उसी प्रकार अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के समय सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था तब भी शायद गहलोत की सहमति रही होगी, और वही फार्मूला अब दुबारा अपनाने पर शायद दोनों नेताओं में सहमति बन सकती है!
चर्चा तो यहां तक है कि दो कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष भी बनाए जा सकते हैं। देखने वाली बात यह होगी कि बैठक में क्या कुछ सामने निकल कर आता है। क्या कांग्रेस आलाकमान गहलोत के पायलट मामले में असहमत होने पर अपने स्तर पर कोई निर्णय लेगी। कुल मिलाकर राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के बाद कर्नाटक चुनाव में पार्टी की जीत से सक्रिय रूप से मतदाताओं को अपनी और आकर्षित करने में जुटे हुए हैं। कल ही अपनी मां सोनिया गांधी के साथ कुछ दिनों के लिए शिमला जाने से पहले दिल्ली में उन्होंने ट्रक में सफर कर ड्राइवर व खलासी यों को अपनी ओर आकर्षित करने का नया फार्मूला शुरू किया था। राहुल नई ऊर्जा के साथ पार्टी को फिर से मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं। राजस्थान को लेकर बुलाई गई बैठक भी इसी से लेकर जोड़ी जा रही है।