राजस्थान सरकार ने 23749 विद्यालय सहायकों को दिया तोहफा, 9 साल की सेवा पर 18500 रुपए और 18 साल की सेवा पर मिलेंगे 32300 रुपए
23749 विद्यालय सहायकों को चार माह से मानदेय नहीं मिला
Rajasthan government education department:राजस्थान में कभी विद्यार्थी मित्र तो कभी पंचायत सहायक और अब विद्यालय सहायक के रूप में सरकार संविदा कर्मियों की सेवाएं तो ले रही है लेकिन, समय पर मानदेय नहीं मिल पाने के कारण इनको आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। मजबूरी में विद्यालय सहायक उधारी से घर चलाने को मजबूर हैं। राज्य के शिक्षा विभाग में दिसंबर 2022 में नियुक्त 23 हजार 749 विद्यालय सहायकों को चार माह से मानदेय नहीं मिला है।
दरअसल, राज्य सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए इन्हें विद्यार्थी मित्र के रूप में संविदा पर लगाया था। उसके बाद इनको सितम्बर 2008 में पंचायतों में पंचायत सहायक के रूप में 6 हजार रुपए के मानदेय पर नियुक्त किया गया था। दिसंबर 2022 में गहलोत सरकार ने राजस्थान कॉन्ट्रेक्च्युअल हाइरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के नियमों के तहत इन्हें विद्यालय सहायक के रूप में नियुक्ति देकर इनका मानदेय 10400 रुपए तय किया गया। राज्य सरकार ने हाल ही में एक नया आदेश जारी कर एसटीसी या बी.एड. कर चुके विद्यालय सहायकों का मानदेय 1 अप्रेल 2023 से 16 हजार 900 रुपए तय किया है। शेष का मानदेय 10400 रुपए ही रखा गया है।
विद्यालय सहायक का काम क्या है
विद्यालय सहायकों को निर्धारित कार्य के अनुसार मिड डे-मील का प्रभारी सहित मॉनीटर करना और अभिलेख रखना, बाल खोज सर्वेक्षण, स्कूल छोड़ चुके छात्रों को मॉनीटर करना, विद्यालय भवन और कैम्पस की साफ-सफाई, विद्यालयों में बाल नामांकनों का पर्यवेक्षण और उनको मॉनीटर करना, जिला शिक्षा सूचना प्रणाली डाटा का संग्रहण, प्राधिकारी की ओर से समनुदेशित कोई अन्य गैर अध्यापन के कार्य शामिल हैं। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश पद रिक्त होने के कारण वहां विद्यार्थियों को पढ़ाने का कार्य भी ये कर रहे हैं।
मानदेय किया निश्चित
विद्यालय सहायक, पाठशाला सहायक का मानदेय समान ही रहेगा। समय-समय पर वेतनवृद्धि लाभ भी मिलेगा। इसके लिए 9 साल की सेवा पूरी होने पर 18500 रुपए तथा 18 साल की सेवा पूरी होने पर 32300 रुपए प्रति माह मिलेंगे।
पहले नहीं थे कोई नियम
पहले पंचायत सहायकों एवं पैराटीचर्स- शिक्षाकर्मी पर किसी प्रकार के सेवा नियम लागू नहीं थे लेकिन, गहलोत सरकार ने इन कार्मिकों का पदनाम बदलकर राजस्थान कॉन्ट्रेक्च्युअल हाइरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 लागू किया है। इस नए नियम के तहत ही इन्हें नियुक्ति दी गई है।
इनका कहना है
राज्य सरकार व शिक्षा विभाग को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। शाला दर्पण पर विद्यालय सहायकों की आईडी जल्दी जनरेट कराई जाए, जिससे इनके बकाया मानदेय का भुगतान शीघ्र हो सके।