केरल तबाही का सिलसिला जारी : अब तक 94 की मौत, अटलजी के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने जाएंगे PM मोदी
केरल में हालत गंभीर है बाढ़ से मरने वालो की संख्या 94 हो गए है .गुरुवार को हुई बारिश के बाद 30 लोगो के मरने की और खबर आई है .
नई दिल्ली:केरल में तबाही का सिलसिला जारी है . मरने वालो की संख्या बढ़कर 94 हो गई है. गुरुवार को हुई बारिश ने हालत को और बिगड़ दिया .जिसके चलते 30 लोगो की मौत हो गई.अगर आने वाले समय में हालत ऐसे ही बने रहे ,तो हालत और भी बिगड़ सकते है . राज्य 7 ज़िलों में रेड अलर्ट है. 39 में से 35 बांधों के गेट खोले जा चुके हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद केरल के लिए रवाना होंगे. रात में केरल में ही रुकेंगे और शनिवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे. कोच्चि एयरपोर्ट पर पानी भर गया है. कुछ विमान पानी में डूबे हुए हैं. हालात को देखते हुए कोच्चि एयरपोर्ट को 26 अगस्त तक के लिये बंद कर दिया गया है.
बारिश और बाढ़ की तबाही के बीच रेस्क्यू ऑपरेशन ज़ोरों पर है. सेना और एनडीआरएफ़ की टीमें इसे बख़ूबी अंजाम दे रही हैं. तस्वीरें अलुवा की हैं, जहां बड़े-बड़े ट्यूब की मदद से लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जा रहा है. इनमें कई लोग बीमार थे, जो ठीक से चल भी नहीं पा रहे थे. केरल के ज़्यादातर हिस्सों में हर तरफ़ बारिश और बाढ़ का डराने वाला मंज़र नज़र आ रहा है. बाढ़ में फंसे लोगों की ज़िंदगियों को बचाने के लिए भी टीमें मुस्तैद हैं.कोझीकोड उन ज़िलों में शामिल है, जहां पानी ने लोगों की ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा खलबली मचाई है. सड़कें पानी में खो गई हैं. रास्तों पर कई-कई फ़ुट पानी भरा है और लोग एक तरफ़ से दूसरी तरफ़ जाने के लिए इन्हीं रास्तों से गुज़रने को मजबूर हैं क्योंकि ज़िंदगी रुकती नहीं है. कोल्लावदावु में भी बाढ़ का पानी लोगों की मुसीबत का सबब बना है. आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह पेट्रोल पंप पर पानी भरा है. इसके आस-पास जिधर भी नज़रें दौड़ाइए, यही हाल है रिहायशी कॉलोनी, बाज़ार सड़कें, मैदान सब तरफ़ पानी भरा हुआ है.
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टिप्पणियां तमिलनाडु के 11 ज़िलों में बाढ़ की चेतावनी दी गई है. करीब 2.6 लाख क्यूसेक पानी को मेट्टूर और बवानी सागर डैम से पानी छोड़ा गया है. निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को राहत शिविरों में जाने की सलाह दी गई है. सभी 11 ज़िलों में राहत शिविर बनाए गए हैं.