आजम खां, सुरेश कुमार खन्ना समेत प्रोटेम स्पीकर के लिए राजभवन भेजे गए 17 नाम, जानें क्या होता है प्रोटेम स्पीकर का काम

Update: 2022-03-19 09:10 GMT

प्रोटेम स्पीकर तय करने के लिए विधानसभा सचिवालय की तरफ से 18वीं विधानसभा के 17 नवनिर्वाचित वरिष्ठ सदस्यों की सूची राजभवन भेजी गई है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल इस सूची में से किसी वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर नामित करेंगी।

विधानसभा सत्र शुरू होने पर प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में ही नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव और नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण कराया जाएगा। वरिष्ठ विधायकों की सूची में सबसे पहला नाम मो. आजम खां का है, लेकिन जेल में निरुद्ध होने के कारण उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने की संभावना काफी कम है।

मो. आजम खां 10वीं बार विधायक चुने गए हैं। सूची में शामिल अन्य वरिष्ठ विधायकों में भाजपा के सुरेश कुमार खन्ना तथा सपा के दुर्गा प्रसाद यादव व अवधेश प्रसाद नौवीं बार चुने गए हैं। भाजपा के जय प्रताप सिंह, सतीश महाना, रमापति शास्त्री व राम पाल वर्मा आठवीं बार विधायक बने हैं।

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के कुंवर रघुराज प्रताप सिंह, सपा के माता प्रसाद पांडेय व इकबाल महमूद तथा भाजपा के फतेह बहादुर सिंह सातवीं बार और सपा के राम अचल राजभर, शिवपाल सिंह यादव, फरीद महफूद किदवई व लालजी वर्मा के अलावा भाजपा के चेतराम छठवीं बार चुने गए हैं।

यह होता है प्रोटेम स्पीकर

चुनाव के बाद जब तक विधानसभा की ओर से नए अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं कर लिया जाता है। तब तक विधानसभा अध्यक्ष पद के कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए संविधान के अनुच्छेद-180(1) के अनुसार राज्यपाल की ओर से कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) की नियुक्ति की जाती है।

इसके साथ ही संविधान के अनुच्छेद-188 के प्रावधान के अनुसार नवनिर्वाचित सदस्यों को सदन में स्थान ग्रहण करने से पूर्व राज्यपाल या उनके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेनी आवश्यक होता है। ऐसे में राज्यपाल की ओर से वरिष्ठ विधायक को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है। प्रोटेम स्पीकर ही अन्य सदस्यों को शपथ दिलाते हैं। शपथ लेने के बाद ही सदस्य विधानसभा अध्यक्ष को चुनते हैं। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष प्रोटेम स्पीकर को भी सदस्य की शपथ दिलाते हैं।

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