पटना के गांधी मैदान में आठ साल पहले आज ही के दिन तब भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे नरेन्द्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट कर तबाही मचाने वालों को अब इसकी सजा भुगतनी होगी।
एनआईए कोर्ट के जज ने बुधवार को इस मामले में 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है। जबकि एक को बरी कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सजा सुनाने के लिए एक नवम्बर की तारीख मुकर्रर की है। इस फैसले पर सभी की नज़रें टिकी थीं।
बुधवार की सुबह से पटना सिविल कोर्ट परिसर में गहमागहमी थी। आठ साल बाद गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में क्या इंसाफ होता है, यह हर कोई जानना चाहता था। इस कांड में छह लोगों ने अपनी जान गंवाई थी जबकि 89 लोग बुरी तरह घायल हो गए थे। बुधवार को आए फैसले से उनके परिवारों ने थोड़ी राहत महसूस की है। फैसले के लिए सुनवाई शुरू होने से पहले बुधवार की सुबह बेऊर जेल से सभी आरोपियों को कोर्ट लाया गया। इसके बाद कोर्ट में सजा के बिंदुओं पर सुनवाई शुरू हुई।
इस कांड में एनआईए की टीम ने अनुसंधान के बाद 21 अगस्त 2014 को हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, मो. इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। कोर्ट ने फकरुद्दीदी को छोड़कर अन्य सभी नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषियों को एक नवम्बर को सजा सुनाई जाएगी।