आगरा : सफाईकर्मी अरुण की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चौकानें वाला खुलासा, सामने आया पुलिस का खौफनाक चेहरा!
आगरा में सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि की मौत पर प्रदेश की सियासत गरमा गई।
आगरा में सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद एक बार फिर से यूपी का सियासी पार गरमाया गया है। इसी बीच मृतक अरुण की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने आई, जिसमें पुलिस का खौफनाक चेहरा सामने आया है। पोस्टमार्टम के अनुसार, सफाईकर्मी की मौत हार्ट अटैक से हुई थी, लेकिन पुलिस हिरासत में मारपीट भी की गई थी। पोस्टमार्टम में इसके प्रमाण मिले हैं। अरुण के शरीर पर एक दर्जन चोटों के निशान मिले हैं। एडीजी जोन राजीव कृष्ण ने बताया कि पुलिस हिरासत में मौत के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
आपको बता दें कि आगरा में जगदीशपुरा थाना के मालखाने से 25 लाख की चोरी के मामले में हिरासत में लिए गए अरुण वाल्मीकि की मंगलवार रात मौत हो गई। पुलिस उससे चोरी रकम की बरामदगी के प्रयास में लगी थी। पुलिस उसको अस्पताल लेकर पहुंची, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। घटना से हड़कंप मच गया। प्रदेश सरकार ने इस मामले पर तुरंत एक्शन लेते हुए पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। वहीं, परिजनों की तहरीर पर अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।
इन पुलिसवालों पर गिरी गाज
जगदीशपुरा थाने की जीडी में इंस्पेक्टर क्रिमिनल इंटेलीजेंस आनंद कुमार साही, एसआई योगेंद्र कुमार, आरक्षी महेंद्र सत्यम और रूपेश की रवानगी की गई थी। दिखाया था कि ये पांचों सफाई कर्मचारी को लेकर उसके घर गए थे। प्रारंभिक तथ्यों के आधार इनको निलंबित किया गया है। हालांकि पिटाई से मौत पर अफसरों का कहना है कि पीएम रिपोर्ट के आधार पर फैसला होगा।
पीड़ित परिवार को 10 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी
हिरासत में मौत मामले में प्रदेश सरकार ने अरुण वाल्मीकि के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। डीएम प्रभु एन. सिंह ने देर शाम शासन से वार्ता के बाद पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नगर निगम में सरकारी नौकरी और दस लाख रुपये मुआवजा देने के बारे में जानकारी दी। इस घोषणा के बाद मृतक अरुण का अंतिम संस्कार कराया गया।
पीड़ित परिवार से मिल प्रियंका बोलीं यूपी में न्याय का नामोनिशान नहीं
अरुण वाल्मीकि की मौत पर बुधवार को प्रदेश की सियासत गरमा गई। विपक्षी दलों ने सरकार पर कड़े प्रहार किए। इधर, देर रात आगरा पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में न्याय का नामोनिशान नहीं है। यूपी की कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है। इससे पहले काफी जद्दोजहद के बाद प्रियंका को आगरा आने की अनुमति मिली। दूसरी ओर, बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला।