ओवैसी को झटका देने वाले ओम प्रकाश राजभर की अब AIMIM ने बढ़ा दी टेंशन, जहूराबाद में घिरे सुभासपा चीफ
यूपी में सात चरणों में होने वाले चुनाव में दो चरण का मतदान हो चुकां है लेकिन कुछ एसी सीटे है जो कॉफी हॉट हो गई है क्यों की राजनीतिक प्रतिद्वंद के चलते एक दुसरे को हराने के लिए कोई भी पार्टी कभी भी नया दाव चल सकती है यूं तो सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव की सीट होने की वजह से गोरखपुर और करहल की खूब चर्चा हो रही है। लेकिन गाजीपुर के जहूराबाद की जंग भी काफी दिलचस्प हो गई है।
सपा गठबंधन के अहम साझेदार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी, बसपा ने जिस तरह उनकी घेरेबंदी की है उससे राजभर की चुनौती बढ़ गई है। अब ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने भी राजभर के खिलाफ उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने ओमप्रकाश राजभर के खिलाफ शौकत अली को टिकट दिया है। ओवैसी के खिलाफ ओवैसी की पार्टी की ओर से उम्मीदवार उतारा जाना इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि सपा गठबंधन में जाने से पहले राजभर ने ओवैसी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
बीजेपी ने जहूराबाद विधानसभा सीट पर कालीचरण राजभर को उम्मीदवार बनाकर सियासी पेंच फंसा दिया है। इस सीट पर जहां एक तरफ सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर खुद चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं अखिलेश सरकार में मंत्री रहीं शादाब फातिमा ने सपा-सुभासपा के गठबंधन के बाद टिकट कटने की सूरत में बीएसपी जॉइन कर लिया। बीएसपी ने उन्हें जहूराबाद से अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है।
शादाब फातिमा अखिलेश सरकार में महिला कल्याण मंत्री रही हैं और अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करके उन्होंने जहूराबाद विधानसभा क्षेत्र की कासिमाबाद तहसील का गठन अपने मंत्री रहते हुए कराया था। राजभर बनाम राजभर की लड़ाई में शादाब फ़ातिमा भी अपने किये कामों की बदौलत जीत का दावा कर रही हैं। अब इस सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई में कौन बाजी मारेगा, यह 10 मार्च को ही साफ हो पाएगा।