श्रीराम और कृष्ण को जेल भेजने की बात करने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर दर्ज हुई FIR, बढ़ सकती है मुश्किलें

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर FIR दर्ज हो गई है, आपको बता दें कि इविवि के प्रोफेसर ने भगरान श्री राम और श्री कृष्ण को लेकर विवादित बयान दिया था।

Update: 2023-10-23 02:38 GMT

श्रीराम और कृष्ण को जेल भेजने की बात करने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के प्रोफेशर पर दर्ज हुई FIR

Prayagraj News: इलाहाबाद विश्वविद्यालय (AU) के असिस्टेंट प्रोफेसर विक्रम हरिजन ने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक विवादित पोस्ट किया है। जिसे लेकर उनपर खूब पलटवार हो रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर के खिलाफ कथित तौर पर भगवान राम और कृष्ण पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में रविवार 22 अक्टूबर को एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। सहायक प्रोफेसर के खिलाफ विश्व हिंदू परिषद, हिंदू जागरण मंच और बजरंग दल की संयुक्त शिकायत पर रविवार शाम को एफआईआर दर्ज की गई।

विहिप के जिला संयोजक शुभम की तहरीर पर कर्नलगंज थाना में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग में नियुक्त सहायक प्रोफेसर डॉ. विक्रम हरिजन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने), 295-ए (किसी वर्ग के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून की धारा 66 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

प्रोफेसर पर लगाए ये आरोप

सहायक प्रोफेसर हरिजन पर आरोप लगाए हैं कि वह अपने सोशल मीडिया एकाउंट एक्स के माध्यम से आए दिन हिंदू समाज के देवी देवताओं पर अभद्र एवं नफरती टिप्पणी करके अपमानित करते हैं। इससे न केवल विश्वविद्यालय के छात्रों में आक्रोश है, बल्कि हिंदू समाज आहत है।

क्या किया था पोस्ट

डॉ. हरिजन ने एक्स पर पोस्ट किया कि यदि आज प्रभु राम होते तो मैं ऋषि शम्भुक का वध करने के लिए उनको आईपीसी की धारा 302 के तहत जेल भेजता और यदि आज कृष्ण होते तो उनको भी जेल भेजता।

संविधान के दायरे में रहकर यह बात लिखी-डॉ. हरिजन

इस मामले को लेकर डॉ. हरिजन ने कहा कि मैंने संविधान के दायरे में रहकर यह बात लिखी है। भगवान राम ने शम्भुक का वध इसलिए किया था क्योंकि शम्भुक शूद्र जाति के थे और बच्चों को शिक्षा दे रहे थे। उन्होंने आगे कहा श्रीकृष्ण स्त्रियों का वस्त्र लेकर भाग जाते थे। मेरा कहना है कि आज के समय में ऐसा होता तो क्या कोई महिला यह बर्दाश्त करती।

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