Allegations on Dhirendra Shastri: धीरेंद्र शास्त्री की एकता यात्रा पर लगे गंभीर आरोप, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने सनातन धर्म के अस्तित्व को बताया बड़ा खतरा
Allegations on Dhirendra Shastri: सनातन धर्म के नाम पर राजनीति के आरोप लगा रहे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने बागेश्वर धाम सरकार की एकता यात्रा पर भी कड़े आरोप लगाए हैं.
Allegations on Dhirendra Shastri: धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा और उनके उद्देश्य को लेकर कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं तो कुछ लोग इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं. बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदुओं को जातिवाद से मुक्त कर संगठित करने के उद्देश्य से एक पदयात्रा शुरू की है. उनका मानना है कि हिंदुओं को जातियों में बांटकर उनके वोट बंटा दिए जाते हैं और यही राजनीति का हथकंडा बन जाता है. धीरेंद्र शास्त्री की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदुओं को एकजुट करना और सनातन धर्म की रक्षा करना है.
इतने बड़े उद्देश्य के बावजूद भी धीरेंद्र शास्त्री को विरोध का सामना करना पड़ रहा है. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwaranand) ने इस यात्रा को एक राजनीतिक साजिश करार दिया है. उनका कहना है कि यह यात्रा केवल भाजपा के राजनीतिक फायदे के लिए है ताकि हिंदू जातियों में बंटे न रहें और सीधा भाजपा को वोट दें. उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को राजनीति का मोहरा तक कह दिया.
अविमुक्तेश्वरानंद का यह भी मानना है कि सनातन धर्म की पहचान जाति और वर्णाश्रम से है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर यह पहचान खत्म हुई तो सनातन धर्म (Sanatan Dharma) का अस्तित्व भी खतरे में पड़ सकता है.
धीरेंद्र शास्त्री (Bageshwar Dham Sarkar) की यात्रा को मध्य प्रदेश के कई भाजपा नेताओं और संत-समाज का समर्थन मिला है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, मंत्री दिलीप अहिरवार, और अन्य नेताओं ने इस यात्रा में भाग लिया. बनारस के पातालपुरी पीठ के पीठाधीश्वर बालकदास, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य प्रमुख संत भी इस यात्रा में शामिल हुए. इस यात्रा में लाखों लोगों ने जातिवाद को छोड़कर हिंदुत्व की रक्षा के लिए एकजुट रहने की शपथ ली है.
इस पद यात्रा पर जितने भी विवाद और सवाल खड़े हो रहे हैं उन पर लगातार बहस जारी है. आचार्य धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) सनातन धर्म की रक्षा की बात कर रहे हैं तो शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद इसे सनातन धर्म के लिए खतरा बता रहे हैं. अब ये बहस कहां जाकर रुकती है ये समय के साथ ही सामने आएगा.