जम्मू कश्मीर दौरे के दूसरे दिन गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू में कई विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। इस मौके पर अमित शाह ने लोगों को संबोधित किया। संबोधन के दौरान अमित शाह पूरे रंग में दिखाई दिए।
अमित शाह ने कहा कि कुछ लोग सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं, लेकिन हम यहां ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं कि किसी की जान न जाए। शाह ने आगे कहा, धारा 370 हटने के बाद पहली बार आपके यहां आया हूं। ये कहने आया हूं कि अब जम्मू कश्मीर वालों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा।
जम्मू में कई विकास योजनाओं के शिलान्यास के मौके पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब जम्मू कश्मीर का विकास होगा और ये प्रदेश देश को आगे ले जाने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
अमित शाह ने कहा, कुछ लोग सुरक्षा को लेकर सवाल उठा रहे हैं। 2004-14 के बीच 2081 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इस लिहाज से प्रति वर्ष 208 लोग मारे गए। 2014 से सितंबर 2021 तक 239 लोगों ने अपनी जान गंवाई। हम संतुष्ट नहीं हैं क्योंकि हम ऐसी स्थिति बनाना चाहते हैं जहां किसी की जान न जाए और आतंकवाद पूरी तरह से समाप्त हो जाए।
उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि धारा 370 हटने के बाद पहली बार यहां आया हूं और आपसे ये कहने आया हूं कि अब जम्मू कश्मीर वालों के साथ अन्याय खत्म हो चुका है। अमित शाह ने कहा, जम्मू कश्मीर की शांति में खलल डालने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे। कहा- 5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अनुच्छेद 370 और 35 ए खत्म किया। इससे घाटी के लाखों लोगों को वो अधिकार फिर मिले, जो उन्हें संविधान के तहत नहीं मिल पा रहे थे। अब संविधान से सभी अधिकार यहां के लोगों को भी मिल रहे हैं।
अमित शाह ने आगे कहा, एक जमाना था जब कश्मीर में गिनती के मेडिकल कॉलेज थे। लेकिन आज मैं आपको बताने आया हूं कि जम्मू कश्मीर में अब सात नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना हो चुकी है। पहले यहां सिर्फ 500 छात्र की एमबीबीएस कर सकते थे लेकिन अब 2000 चात्र यहां एमबीबीएस कर पाएंगे।
अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने घाटी के विकास के लिए 55 हजार करोड़ रुपए का पैकेज दिया। आज 33 हजार करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। घाटी में 21 विकास परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।
अपने संबोधन में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि, मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता हूं लेकिन यहां तीन परिवारों ने शासन किया। मैं अपना हिसाब लेकर आया हूं कि क्या देकर जाऊंगा लेकिन उनसे पूछना चाहता हूं कि आपने सात दशकों में क्या किया?