अनंत चतुर्दशी आज: गणेश पूजन और प्रतिमा विसर्जन के 3 शुभ मुहूर्त

Update: 2021-09-19 04:54 GMT

गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की स्थापना की जाती है, जिनकी विदाई अनंत चतुर्दशी के दिन होती है। इस साल गणेश विसर्जन 19 सितंबर को है। इस दिन धूमधाम से भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा को जल में प्रवाहित करते हैं। गणेश जन्मोत्सव पूरे 10 दिन तक मनाया जाता है। जानिए भगवान श्रीगणेश विर्जसन विधि और शुभ मुहूर्त-

गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने के लिए तीन शुभ मुहूर्त हैं- सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक। दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे तक। शाम को 6 बजे से सूर्यास्त से पहले तक। ध्यान रखें सूर्यास्त से पहले प्रतिमा का विसर्जन कर देना चाहिए, अगर सूर्यास्त तक प्रतिमा विसर्जित न हो सके तो अगले दिन विसर्जन करना चाहिए। विसर्जन से पहले गणेश जी का विधिवत पूजन जरूर करें।

श्री गणेश की प्रतिमा को विसर्जित करने से पहले उसका विधि-विधान से पूजन करें।

इसके बाद मोदक और फल का भोग लगाएं।

अब गणपति की आरती उतारें और विदाई लेने की प्रार्थना करें।

अब एक लकड़ी के पटरे पर लाल वस्त्र बिछाएं।

इसमें गंगाजल छिड़ककर गणेश जी को रखें।

इसके साथ ही इसमें फल, फूल, मोदक और कपड़े रखें।

फिर चावल, गेहूं और पंचमेवा की पोटली तैयार करें और इसमें कुछ सिक्के डालें।

इस पोटली को गणेश जी के पास रखें।

इसके बाद बप्पा का विसर्जन के लिए ले जाएं।

विसर्जन से पहले भगवान गणेश की एक बार फिर आरती उतारें और अगले वर्ष जल्दी आने की कामना करें।

भगवान श्रीगणेश से अपनी मनोकामना और परिवार की खुशहाली का अनुरोध करें। इसके बाद जल में बप्पा को विसर्जित कर दें।

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