Ashok Gehlot Cabinet Expansion Latest Updates: मंत्रीमण्डल गठन के बाद पता लगेगा कि असलियत में घुटने किसने टेके, पायलट या गहलोत ने
अशोक गहलोत मंत्रिमंडल विस्तार लेटेस्ट अपडेट
यह तयशुदा है कि प्रदेश में मंत्रीमण्डल का विस्तार अवश्य होगा । लेकिन होगा कब, इस बारे में कुछ भी कहना बेमानी है । अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों ही सोनिया से मिलकर अपना पक्ष रख चुके है । अब देखना यह है कि दोनों में बाजी मारता कौन है । जादूगर की जादूगरी देखने को मिलेगी अथवा युवा पायलट का करिश्मा दिखाई देता है ।
कांग्रेस पार्टी और आम जनता देखना यह चाहती है कि गहलोत और पायलट के बीच चल रही जंग में जीत होगी किसकी । क्या गहलोत को सचिन पटखनी देंगे या फिर गहलोत के सामने पायलट को नतमस्तक होना पड़ेगा । यह सब इस बात पर निर्भर करेगा कि पायलट अपने कितने समर्थक विधायको को मंत्रीमण्डल में जगह दिलवा पाते है । संख्या ही हार-जीत का पैमाना तय करेगी ।
सचिन पायलट अपने समर्थित पांच से ज्यादा विधायको को मंत्री बनाने पर अड़े हुए है । यानी वे चाहते है कि जिन तीन मंत्रियों को बर्खास्त किया गया है, उनकी बहलगी हो । इसके अलावा तीन अन्य विधायको को मंत्रीमण्डल में सम्मानजनक स्थान दिया जाए । इसके अतिरिक्त राजनीतिक नियुक्तियों में भी उचित और सम्मानजनक अहमियत मिले ।
अगर मंत्रीमण्डल में सचिन पायलट समर्थित चार से ज्यादा विधायको को स्थान मिलता है तो यह गहलोत की बहुत बड़ी राजनीतिक पराजय होगी । पार्टी और जनता के बीच यह मैसेज जाएगा कि अंततः गहलोत को सचिन के समक्ष घुटने टेकने पड़े है । इसके अलावा गहलोत समर्थक विधायकों में नाराजगी बढ़ना स्वाभाविक है । क्योकि पायलट खेमे को ज्यादा तवज्जो मिलेगी तो गहलोत समर्थित विधायको को देनी होगी बलि ।
जिन विधायकों ने संकट के समय गहलोत सरकार को बचाने में सक्रिय भूमिका अदा की थी, उनमें से अधिकांश मंत्री बनने का सपना संजोए हुए है । चाहे निर्दलीय हो या बसपा विधायक । इसके अलावा गहलोत के विश्वस्त विधायको का भी हक़ बनता है कि उन्हें मंत्रीमण्डल में उचित सम्मान मिले । अगर ऐसा नही हुआ तो गहलोत के समर्थक विधायको का लावा फूटना स्वाभाविक है ।
चर्चा है कि मंत्रीमण्डल का विस्तार 18 के आसपास हो सकता है । लेकिन यह केवल कयास है । पुख्ता जानकारी अलावा गहलोत के किसी को नही है । सोनिया और प्रियंका से मुलाकात के बाद मंत्रीमण्डल पुनर्गठन की खबर को बल मिला है । लेकिन हकीकत में पुनर्गठन अभी होगा, कहना बेमानी होगा । जो व्यक्ति तीन साल सरकार को 20 मंत्रियों के भरोसे धकेल रहा है, क्या वह दो साल और नही धकेल सकता है ?