अयोध्या:राम मंदिर के सौन्दर्य में कोई बाधा न हो, डंपिंग ग्राउंड से कूड़ा हटाने का कार्य शुरू
अयोध्या नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने नारियल तोड़कर मशीन से कार्य का शुभारंभ किया
अयोध्या में राम मंन्दिर निर्माण कार्य को एक साल हो चुके है.भव्य राम मंदिर बनाने का कार्य निरंतर चल रहा है.ऐसे में जिला प्रशासन राम मंदिर की सौन्दर्य में कोई बाधा नहीं आने देना चाहता है.वही एनजीटी ने आदेश दिया था की अफीम कोठी के पास बने कूड़ा डंपिंग ग्राउंड को हटाया जाए.जिसके बाद से जिला प्रशासन ने कूड़े के निस्तारण का कार्य शुरू कर दिया गया है.दरअसल, डंपिंग एरिया के बगल में है 14 कोसी परिक्रमा मार्ग है और परिक्रमा के दौरान दुर्गंध आती थी जिसके बाद एनजीटी ने इस कूड़े को हटाने का आदेश दिया था.शुक्रवार को अयोध्या नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने नारियल तोड़कर मशीन से कार्य का शुभारंभ किया.शहर के सॉलिड वेस्टा कूड़े के निस्तारण के लिए नगर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है. ये मशीनें कूड़े को प्रोसेस करेंगी. कूड़े अलग-अलग तीन भागों में तोड़े जाएंगे.
प्रॉसेस के बाद इस कूड़े को सीमेंट इंडस्ट्री व अन्य इंडस्ट्री में भेजे जाएंगे जहां पर इसका प्रयोग ईंधन के रूप में किया जाएगा. यही नहीं साइंटिफिक प्रयोग के बाद उर्वरक के रूप में भी इसका उपयोग हो सकेगा.ये डंपिंग एरिया सरयू के कछार में है. कूड़ा हटाने के बाद इस जमीन को सीता झील के रूप में डेवलप की जाएगी. इस मौके पर महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, डीएम अनुज झा व नगर आयुक्त विशाल सिंह मौजूद रहे.
वहीं, विशाल सिंह नगर आयुक्त ने कहा कि, जहां पर लगातार लोग कूड़ा डंप कर रहे थे और वहां पर एक गड्ढे थे, वहीं पर कूड़ा डंप कर रहे थे. इससे दुर्गंध होती थी और वातावरण प्रदूषित होता था, एक जहरीला स्थान हो जाता है. यहां पर सीता झील बनाई जानी है. 70,000 टन कूड़ा वेस्ट करना है. 30 अक्टूबर तक हम को समय सीमा दी गई है इसको जल्द से जल्द हटा लिया जाएगा. कूड़े को अलग-अलग तरीके से प्रयोग किया जाएगा और हम दीप उत्सव में स्वच्छ और सुंदर अयोध्या को पूरी तरह से कर देंगे.